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तालमखाना ८३२
तावना तालमखाना-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. यौ०-तालीम-यात्का-शिक्षित । वि०
ताल + मक्खन ) एक पौधा या फल । । तालीमी-शिक्षा-सम्बन्धी। तालमूली-संज्ञा, स्त्री० (सं०) मुसली। तालीशपत्र-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) पनियाँ तालमेल-संज्ञा, पु० यौ० दे० हि० ताल +
आँवला, एक औषधि । मेल ) ताल-सुर की मिलावट ।
तालु-संज्ञा, पु० (सं०) तालू । तालरस--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) ताड़ी। तालुका, ताल्लुका-संज्ञा, पु० दे० (अ. तालवन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) ताड़ के पेड़ों तअल्लुका ) बहुत से गावों की ज़मींदारी, का बन या व्रज का एक बन ।
बड़ा इलाक़ा संज्ञा, पु० तालुकेदार संज्ञा, तालव्य-वि. (सं०) तालु सम्बन्धी, तालु
स्त्री० तालुकेदारी। से बोले जाने वाले वर्ण ।
तालू - संज्ञा, पु० दे० ( सं० तालु ) मुख के ताला-संज्ञा, पु० दे० (सं० तलक ) कुफुल,
भीतर का ऊपरी भाग । मुहा०—तालू में तालाब । मुहा०--मुंह (ज़बान पर)
दांत जमना-विपति या बुरा समय ताला लगाना-बोलना रोकना । ताला
श्राना । तालू से जीभ न लगना-बके तोड़ना --चोरी करना । ताले में बंद
जाना, चुप न रहना।
तालेबर-वि० दे० (अ० तालः + बर) दौलतरखना-संदूक में बंद रखना।
मंद, धनी, मालदार, भाग्यवान । तालाकुंजी- संज्ञा, स्त्री० यौ० ( हि० ताल+
ताल्लुक-संज्ञा, पु० दे० (अ० तअल्लुक ) कंजी ) ताला और ताली या चाभी।
लगाव, सम्बन्ध, रिश्तेदारी।। तालाब-संज्ञा, पु० (हि. ताल + आब फ़ा०) ताव-संज्ञा, पु० दे० (सं० ताप) किसी पदार्थ
सरोवर, ताल, जलाशय, तलाव-(प्रा.) के पकाने या गरम करने के लिये यथोचित, तालाबेली-संज्ञा, स्त्री० (दे०) व्याकुलता। ताप । मुहा०—किसी वस्तु में ताघ "जाट तालाबेलिया ताको लायो सोधि" |
आना-यथायोग्य गरम हो जाना । ताव -कबी०।
खाना-श्राग पर गरम होना, ताप-पीड़ित तालिका--संज्ञा, स्त्री० (सं०) ताली, कुञ्जी।। होना । ताव दना--भाग पर रखना, गरम सूची, फेहरिस्त ।
करना, उत्तेजित करना । मूछों पर ताव देना तालिब-संज्ञा, पु. (अ.) चाहने वाला, -~-बल और प्रताप श्रादि के अभिमान पर खोजने या हूँढने वाला।
मूछों पर हाथ फेरना, अधिकार प्राप्त क्रोध तालिबइल्म-संज्ञा, पु० यौ० (अ०) विद्यार्थी,
का प्रगट होना। मुहा०—ताव दिखानाइल्म का चाहक ।
घमंड से रोष प्रगट करना । ताव में पाना तालिम -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० तल्य ) -घमंड मिले क्रोध के आवेग में होना, विस्तर, सेज, शय्या।
शेखी बघारना, जोश में आना । उतावली, तालो-संज्ञा, स्त्री० (सं०) कुंचिका, कुंजी, इच्छा । ताप चढ़ाना (चढ़ना, आना)चाबी, ताड़ का मद्य, ताड़ी, मुसली, एक । जोश पाना, बड़ी भारी इच्छा या अभिलाषा छंद (पिं०)। संज्ञा, स्त्री० दे० [सं० ताल) थपेड़ी। होना, उत्तेजना देना या पाना । संज्ञा, पु० मुहा०-ताली पीटना या बजाना- (फा० ताव ) कागज़ का तख़ता। दिल्लगीबाज़ी करना, हँसी उड़ाना, करतल तावत्-क्रि० वि० (सं०) तब तक । (विलो. ध्वनि करना । संज्ञा, स्त्री० (हि. ताल) गड़ही, यावत्) "द्रुतंकुलाऽऽनन्द ! ततस्व तावत्" तलैया।
-भट्टी। तालीम-संज्ञा, स्त्री० (अ०) पदाना, शिक्षा।। तावना*-स० क्रि० दे० (सं० तापन) गरम
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