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तनक, तनको ८११
तनुक पर प्रभाव पड़ना, जी में बैठना । तन देना तनराग-संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० तनुराग) - ध्यान देना, मन लगाना । तन-मन | शरीर में केसर, चन्दन आदि का लेप । मारना-इन्द्रियों को वश में करना । क्रि० तनरह-संज्ञा, पु० दे० (सं० तनुम्ह ) रोवाँ, वि० ओर, तरफ । “पिय तन चितै भौंह करि । रोम, तनूरूह । बाँकी,-रामाः। वि० तनिक, थोड़ा। तनवाना-स० क्रि० दे० (हि. तनना का तनक, तनको-वि० दे० (सं० तनु) तनिक, प्रे० रूप ) तनाना, फैलाना । थोड़ा, रंच । “ तनक तनक तामै खनक तनसुख-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. ) फूल चुरीनि की"-देव० ।
__ दार बढ़िया वस्त्र या कपड़ा, शरीर-सुख । तनकऊ-वि० दे० (सं० तनु० = छोटा ) तनहा-वि० (फ़ा०) एकाकी, अकेला। क्रि० छोटा, थोड़ा भी, तनिकहू।।
वि० अकेले । तनकीह --संज्ञा, स्त्री० ( अ०) फ़ैसले की तनहाई- संज्ञा, स्त्री. ( फा० ) अकेलापन.
एकान्त होना । “ मयकशी का लुत्फ तनज़रूरी बातों की जाँच, तहकीकात ।
हाई में क्या कुछ भी नहीं"। तनखाह-संज्ञा, स्त्री० दे० ( फा० तनख्वाह ) तना -संज्ञा, पु. (फा०) पेंड़ी, पेड़ का धड़ ।
वेतन, तलब (ग्रा० ) मासिक मज़दूरी। क्रि० वि० (हि. तन ) तरफ़, ओर । क्रि० तनगना, तिनगना-अ० कि० दे० (अनु०) वि० ( हि० तनना ) अकड़ा हुआ। अप्रसन्न या क्रोधित होना चिढ़ या रूठ तनाकु -क्रि० वि० दे० (हि. तनिक ) जाना, चिटकना।
तनिक, थोड़ा, तनिक, तनकु। तनजेब-- संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) महीन और | तनाजा-- संज्ञा, पु. ( अ०) बैर, झगड़ा। बढ़िया मलमल ।
तनाना-स० कि० दे० (हि. तनना) तनवाना। तनज्ज़ल-वि० (अ०) अवनत । संज्ञा, स्त्री० तनाव-संज्ञा, स्त्री० दे० (अ. तिनाव ) डेरे तमज्जली, अवनति, कमी ।
की रस्सी, खिंचाव, फैलाव । “ मानो गगन तनतनाना-अ० क्रि० दे० (अ० तनूतनः ) तम्बू तनो ताको विचित्र तनाव हैं"-भू०।
शेखी या शान दिखाना, क्रोध करना। तनिक-वि० दे० (सं० तनु) थोड़ा सा, कम। तनत्राण-संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० तनुत्राण)
क्रि० वि० थोड़ा, कम, तनिको (ग्रा०)। कवच, बख़्तर, जिरह ।
तनिया--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. तनी ) तनधर, तनुधारी-संज्ञा, पु. यौ० (सं०
जापौर कौपीन, लँगोटी, जाँघिया। तनुधारी ) शरीर धारी, जीव-जन्तु, देही।
तनिष्ट-संज्ञा, पु० (सं०) बहुत थोड़ा, अति, तनना-अ० क्रि० दे० (सं० तन या तनु)
अल्प, सूक्ष्म । सीधा खड़ा होना, अकड़ना, ऐंठना, घमंड
| तनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. तानना ) बंद, से रूठना, शेखी दिखाना।
बंधन, कौपीन, लँगोटी। क्रि० वि० (ग्रा०)
तनिक । यौ०-तनी तना (तनना)तनपात-संज्ञा, पु० दे० यो० (सं० तनुपात) विवाद, झगड़ा, लड़ाई। मरना, देह का नाश।।
तनीयान्-वि० (सं०) सूधमतर, अल्पतर, तनमय-वि० दे० (सं० तन्मय) लगाहुश्रा, बहुत ही कम, थोड़ा या छोटा। मग्न, तप, मिलित।
तनु-वि० (सं०) दुबला, पतला, क्षीण, सूचम, तनय-संज्ञा, पु० (सं०) लड़का, पुत्र, बेटा। थोड़ा, फम, छोटा सुन्दर । संज्ञा, स्त्री० (सं०)
"तनय ययातिहिं यौवन दयउ"-रामा०।। तनुता संज्ञा, स्त्री० (सं०) देह, शरीर, खाल । तनया-संज्ञा, स्त्री० (सं०) लड़की, पुत्री, बेटी, तनुक-क्रि० वि० दे० (सं० तनु) तनिक, " तात जनक-तनया यह सोई"--रामा। थोड़ा, पतला । संज्ञा, पु० छोटा शरीर, देह ।
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