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डाँड़ना
डाख डोड़ना-अ० कि० दे० (हि० डाँड ) दंड वह स्थान जहाँ सवारी के घोड़े या हरकारे लेना, जुरमाना करना।
बदले जाँवें । सरकार की तरफ से चिट्ठियों के डाँडा- संज्ञा, पु० दे० (हि० डाँड़ ) डंडा, आने जाने का प्रबंध, जो कागज़-पत्र डाक
छड़, नाव खेने का डाँड, सीमा, मेंड़ । से आवे । संज्ञा, स्त्री० ( अनु० ) वमन, कै। डाँडा-मेंडा-संज्ञा, पु० यौ० दे० ( हि० डाँड | संज्ञा, पु. ( वंग० ) नीलाम की बोली।
+ मेंड़ ) अति निकटता, झगड़ा। डाकखाना--संज्ञा, पु० यौ० (हि. डाक+ डाँडी- संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० डाँड़ ) किसी ख़ाना फ़ा० ) लेटर बक्स में चिट्ठियाँ छोड़ने, चाकू श्रादि का बेंट, हत्था, दस्ता, तराजू मनीआर्डर करने और बाहर से आई हुई की लकडी, पेड़ की टहनी, हिंडोले की चिट्ठियाँ लेने का स्थान, पोस्ट आफिस (अं०)। रस्सियाँ, डाँड़ खेने वाला, सीधी रेखा, डाकगाड़ी-संज्ञा, स्त्री० यौ० दे० (हि० डाक लीक, मर्यादा, पक्षियों के बैठने का अड़ा। +गाड़ी ) डाक ले जाने वाली रेल गाडी। झप्पान ( प्रान्ती० )।
डाकघर - संज्ञा, पु. यौ० दे० (हि० डाक-+ डाँढरी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) भूनी हुई मटर घर) डाकखाना, पोस्ट आफिस । की फली।
डाकना-स० क्रि० दे० (हि. डाँक+ना) डाँबू-संज्ञा, पु० (दे०) दलदल में उत्पन्न होने लाँघना, फाँदना । अ० क्रि० दे० (हि. डाक) वाला नरगट या नरकुल ।
वमन, कै करना। डॉमाडोल-संज्ञा, पु० दे० (हि. डोलना ) डाकबंगला-- संज्ञा, पु० यौ० (हि. डाक+
अस्थिर, चंचल, डाँवाँडोल (दे०)। बंगला ) अफ़सरों या परदेशियों के टिकने डाँवरा - संज्ञा, पु० दे० ( सं० डिव ) लड़का, का सरकारी घर। पुत्र । ( स्त्री० डाँवरी)।
डाका संज्ञा. पु० दे० (हि. डाकना या डाँवरी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० डिंव) लड़की, सं० दस्यु ) माल लूटने को जन-समूह का बेटी या बिटिया, पुत्री।
धावा, बटमारी (व्र०)। डाँवरु-संज्ञा, पु० दे० (सं० डिव ) बाघ डाकाज़नी--संज्ञा, स्री० यौ० (हि० डाका+ का बच्चा।
ज़नी फ़ा० ) डाका डालने या मारने का डाँवाँडोल-वि० दे० यौ० (हि. डालना ) | कार्य, बटमारी।। इधर-उधर फिरना, स्थिर न रहना, चंचल, डाकि डाकिनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं०
अस्थिर । "डाँवा डोल रहै मन निसदिन"। डाकिनी ) डाइन, भूतिनी, पिशाचिनी, डाँस-संज्ञा, पु० दे० सं० दंश) वन-मच्छड़। काली जी की दासी। डाइन-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० डाकिनी ) | डाकिया-संज्ञा, पु० दे० (हि. डाक) डाकू, भूतिनी, चुडैल, टोनहाई स्त्री, कुरूपा और | डाक ले जाने वाला, पियून, पोस्ट मैन (अं०)। डरावनी स्त्री, डाकिनी।
डाकी-वि० दे० (हि. डाक ) बहुत खाने डाक --- संज्ञा, पु० दे० (हि. डॉकना) बराबर या काम करने वाला, खाऊ, पेटू, वमन, के। दूरी पर ऐसा सवारी का प्रबंध कि तत्काल | डाकू-संज्ञा, पु० दे० (हि० डाकना सं० दस्यु) बदली जा सके । मुहा०-डाक बैठाना डाका डालने या लूटने वाला, लुटेरा । या लगाना कोई यात्रा जल्दी पूर्ण करने | डाकोर-संज्ञा, पु० दे० (सं० ठक्कुर) ठाकुर के लिये और ठौर सवारी के बदले जाने का जी, विष्णु जी, (गुज.)। ठीक ठीक प्रबंध करना या चौकी नियत डाख-संज्ञा, पु० दे० ( सं० आषाढक) ढाख, करना । यौ० -डाका चौकी-रास्ते का या ढाक, पलाश, छिउल (प्रान्ती०) ।
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