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जुरना ७३८
जूता झरझराना ) थोड़ा सा ज्वर, ज्वर की थोड़ी जुहारना-स० क्रि० दे० (सं० अवहार ) सी गरमी।
मदद माँगना, सहायता चाहना, सलाम जुरना -स. क्रि० (दे०) जुड़ना । "साँवा करना। जवा जुरतो भरि पेट"- सुदा। जुहावना--स० कि० दे० (हि.) इकट्ठा जुरवाना, जुरमाना-संज्ञा, पु. (फा०) करना । अ० क्रि० इकट्ठा होना । "महाभीर रुपये की सज़ा, जरीबाना (ग्रा.)। भूपति के द्वारे लाखन विप्र जुहाने"-रघु०॥ जुगफा-संज्ञा, पु० (दे०) ( अ० जुर्राफ़ा ) जुही-संज्ञा, स्त्री० (दे०) जूही, एक पुष्प । अफ्रिका का पशु, जुर्राफी।
ज़ं- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० यूका ) बालों का जुरुग्रा-संज्ञा, स्त्री० (दे०) स्त्री, भार्या, छोटा कीड़ा । मुहा० --कानों पर जूं पत्नी, जोरू, जोरुवा (दे०)।
रेंगना-अपनी दशा समझ में श्राना, जुरै-. क्रि० (दे०) जुड़ना, एकत्रित होश में, असर होना पाना। होना, मिलना।
जू- अव्य० दे० (सं० (श्री) युक्त, जी। जुर्म-संज्ञा, पु० (०) कुसूर, अपराध । जूया-संज्ञा, पु. ( सं० युग) हल या गाड़ी जुर्रा-संज्ञा, पु० (फा०) नरबाज ।
का वह काठ जो बैलों के कंधे पर रहता है। जुर्राब-संज्ञा, स्त्री० (पु०) मोज़ा, पायतावा। जुआ, जुआठ (ग्रा० ) । संज्ञा, पु० दे० जुल-संज्ञा, पु० दे० (सं० छल ) धोखा (सं० द्यूत, प्रा० जुपा ) एक खेल। देना, छल करना।
जूजू-संज्ञा, पु. ( अनु० ) हाऊ, लड़कों जुलाब-संज्ञा, पु. ( फ़ा० ) रेचन, दस्त, । के डराने का शब्द। रेचक दवा, जुल्लाब (दे०)।
जूझ--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० युद्ध) लड़ाई । जुलाहा-संज्ञा, पु० दे० (फा० जोलाहा) जूझना - अ. क्रि० दे० (सं० युद्ध) मुसलमान कोरी, कपड़ा बुनने वाला। | लड़ मरना, काम में पिस जाना। जुल्क, जुल्फी-संज्ञा, स्त्री० (फा० ) पट्ठा, जूट-संज्ञा, पु० (सं०) जूड़ा की गाँठ, बालों कुल्ले, काकुल ।
की लट, एक प्रकार का सन ( बंगाल )। जुल्म-संज्ञा, पु० (अ.) अंधेर, अन्याय, जूठन - संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० जूठा ) भुक्त, अत्याचार । मुहा०--ज़ल्म टूटना- छोड़ा भोजन या पदार्थ, जूठनि (ग्रा०)। श्राफ़त का पड़ना । जल्म दाना-अंधेर जूठा--वि० दे० (सं० जुष्ठ ) छोड़ा भोजन, या अत्याचार करना, अनोखा काम करना। छोड़ी वस्तु, भुक्त। स० कि. 'जुठारना जुलुस-संज्ञा, पु. (अ.) तख़्त पर बैठना। (स्त्री० जूठी)। किसी उत्सव में धूम की यात्रा।
जूड़ा संज्ञा, पु० दे० (सं० जूट) बालों का जुलोक-संज्ञा, पु० दे० (सं० युकि) बंधा हुश्रा समूह । सुरलोक, देवलोक । " ब्रह्म रंध्र फोर जीव जूडी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० जूड़) जाड़े यौं मिल्यो जुलोक जाय"-रामा०। । का ज्वर । जुस्तजू-संज्ञा, स्त्री० (फा०) खोज। जूता-संज्ञा, पु० दे० (सं० युक्त ) जोड़ा, जुहाना-स. क्रि० दे० (सं० यूथ + पाना- पनही, उपानह । मुहा० किसी का जूता प्रत्य०) इकट्ठा करना, जोड़ना।
उठाना-किसी की दासता करना, झूठी जुहार--सज्ञा, स्त्री० दे० (सं० अवहार ) बड़ाई करना । जूता उछलना या सलाम, बंदगी । " श्राप श्रापमहँ कहिं चलना-जूतों की मार सहना, मार-पीट जुहारा"-५०।
होना, फटकार सहना । जूते से खबर
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