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जगजानि
जगन्माता जगजोनि--संज्ञा, पु० ( दे० ) जगद्योनि। जगच्चक्षु- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सूर्य । जगड्वाल- संज्ञा, पु. ( सं० ) श्राडम्बर, जगजनक-संज्ञा, पु० यौ० ( सं०) विश्व
मिथ्या दिखावा, प्रपंच, व्यर्थ का आयोजन। पिता। जगण---संज्ञा, पु. ( सं० ) प्राद्यन्त लघु | जगजननी- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) संसार
और मध्य वर्ण गुरु वाला एक गण (पि०)। की माता । "जगजननि अतुलित छबि भारी" जगत- संज्ञा, पु० (सं० ) संसार, विश्व, -रामा०। जंगम जीव, महादेव, वायु । “ जगत तपोवन जगद्धाता-संज्ञा, पु० यौ० (सं० जगद्धातृ ) सों किया''-- वि० । यौ०-जगत्पति- विष्णु, शिव, ब्रह्मा । (स्त्री० जगद्धात्री )। जगत्पिता-ईश्वर।
जगद्धात्री-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) दुर्गा, जगत-संज्ञा, स्त्री० (सं० जगति = घर की लचमी, सरस्वती। कुरसी ) कुयें के चारों ओर का चबूतरा । . जगद्योनि-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शिव, संज्ञा, पु० ( दे० ) जगन् । अ० कि० (दे०)
विष्णु, ब्रह्मा, पृथ्वी, जल । जगना, जलना।
जगद्वंद्य–वि० यौ० (सं० ) जिसकी बंदना जगत-सेठ-संज्ञा, पु. यौ० (सं० जगत् +
संसार करे, पूज्य, ईश्वर । श्रेष्ठ ) धनी, महाजन, विश्व श्रेष्ठ ।
जगद्विख्यात-वि० यौ० (सं० ) संसार जगत्पिता-संज्ञा, पु० यो० (सं० ) संसार
में प्रसिद्ध । के पिता (जनक) ईश्वर, जगजनक।
जगना-अ. कि० दे० (सं० जागरण ) "जगत पिता रघुपतिहि निहारी"--रामा०।
नींद से उठना, निद्रा-स्याग करना, सचेत जगती-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) संसार, विश्व,
या सावधान होना, देवी-देवता या भूतदुनिया, जहान, पृथ्वी, भूमि, एक वैदिक प्रेत आदि का अधिक प्रभाव दिखाना, छंद । “ मानगुमान हरो जगती को" राम० | उत्तेजित होना, उभड़ना या उमड़ना, जगदंबा-जगदंबिका--संज्ञा स्त्री०, यौ. (भाग का) जलना, दहकना। जागना, ( सं० ) दुर्गा देवी, सरस्वती, लघमी।। (प्रे० रूप ) जगाना, जगवाना। “जगदंबिकारूप गुन खानी।" " जगदंबा जगन्नाथ-- संज्ञा. पु० यौ० (सं० ) विश्वपति. जानहु जिय सीता''---रामा०।
ईश्वर । " जगन्नाथ मनाथ गौरीशनाथं "। जगदाधार-संज्ञा, पु. यो० (सं.) ईश्वर। जगन्नाथ–संज्ञा, पु० (सं० ) ईश्वर, विष्णु, जगदानंद-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) ईश्वर। उड़ीसे के पुरी नामक स्थान में प्रसिद्ध जगदीश-संज्ञा, पु० (सं.) जगन्नाथ, विष्णु-मूर्ति । परमेश्वर । “जगदीश अब रक्षा करौ" जगन्नियंता---संज्ञा, पु. (सं० जगन्नियंत) जगदीश्वर--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) परमे- परमात्मा, ईश्वर। श्वर, भगवान, जगन्नायक ।
जगन्निवास--संज्ञा, पु. (सं०) विष्णु जगदीश्वरी-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० ) " जगन्निवासो, बसुदेव सदमनि० -- भगवती, दुर्गा जी।
माघ । जगद्गुरु-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) परमेश्वर जगन्माता--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) शिव, नारद, अत्यन्त पूज्य या प्रतिष्ठित संसार की माता, दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, पुरुष, लोक-शिक्षक।
जगजननी जगदम्बा। भा० श० को.-८६
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