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चिरौरी
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चिरौरी - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) विनती, प्रार्थना, विनय, अनुनय, खुशामद । 'जसुदा करति चिरौरी .. सूर० । चिलक-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० चलकना) क्रांति, युति, रह रह कर उठने वाला दर्द, टीस ( दे० ) चमक | चिलकना- - प्र० क्रि० दे० ( हि० चिल्ली
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विजली या अनु० ) रह रह कर चमकना या दर्द उठना, चमचमाना । चिलकाना - स० क्रि० दे० ( हि० चिलक का प्रे० रूप० ) चमकाना, झलकाना । चिलगोजा -संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) चीड़ या सनोवर का फल, मेवा । चिलचिल -संज्ञा, स्त्री० (दे० ) अबरक,
अभ्रक ।
चिलचिलाना - अ० क्रि० (दे० ) शोरगुल मचाना, किकियाना, चिल्लाना, चंचल होना ।
चिलड़ा - संज्ञा, पु० (दे० ) घी लगाकर
की रोटी, उल्टा, चिल्ला (दे० ) । चिलहाड़ा - वि० (दे०) जुधों या चिल्लरों
से भरा हुआ ।
चिलता - संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा० चिलतः ) एक कवच, लोहे का अँगरखा । चिलबिला - चिलबिल्ला - वि० दे० (सं० चल + वल ) ( स्त्री० चिलबिली, चिलबिल्ली ) चंचल, चपल । अ० क्रि० चिलविताना |
चिलम चिलिम -संज्ञा स्त्री० ( फ़ा० ) कटोरी सा नलीदार मिट्टी का बरतन जिस पर तम्बाकू जला धुाँ पीते हैं । चिलमची - संज्ञा, स्त्री० (का० ) हाथ धोने कुल्ली करने का देग जैसा पात्र | वि० चिलम पीने वाला |
चिलमन -- संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा० ) बाँस की पाँचों का परदा, चिक । चिलहारा - वि० (दे० ) पंकिल, किचडाहा (दे० ) चीलर वाला
चिटनी
चिलहोरना - स० क्रि० ( दे० ) ठोकराना । चिलिक - संज्ञा, स्त्री० ( दे० ) मोच, दर्द, चिलक, चमक, टीस |
चिल्लड़ - संज्ञा, पु० ( सं० चिल = वस्त्र ) की तरह का एक बहुत छोटा सफ़ेद कीड़ा, चिल्लर, चीलर (ग्रा० ) । चिल्लपों -- संज्ञा, स्त्री० यौ० (हि० चिल्लाना + अनु० पी० ) चिल्लाना, शोरगुल । चिलवाना -- स० क्रि० ( हि० चिल्लाना का प्रे० रूप ) चिल्लाने में दूसरे को प्रवृत्त
करना या लगाना ।
चिल्ला - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) चालीस दिन का समय | मुह चिल्ले का जाड़ाबहुत कड़ी सरदी, चालीस दिन का बँधेन या किसी पुण्य कार्य का नियम । " धनके पंद्रा मकर पचीस चिल्ला जाड़ा दिन चालीस " - लो० । संज्ञा, पु० ( दे० ) एक जंगली पेड़, उड़द या मूंग घादि की घी लगा कर सेंकी हुई रोटी, चीला, उलटा, धनुष की डोरी, प्रत्यंचा ।
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चिल्लाना - य० क्रि० दे० ( हि० चीत्कार ) ज़ोर से कीलना, शोर मचाना, हल्ला करना | संज्ञा, स्त्री० चिल्लाहट । चिल्ली - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) झिल्ली कीड़ा | संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चरिका ) बिजली, बज्र । चिल्हवाड़ा- संज्ञा, पु० (दे० ) पेड़ों पर चढ़ कर खेले जानेवाला बाल-खेल । चिहाना - अ० क्रि० ( दे० ) तंग होना, विराग उत्पन्न होना ।
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चिद्दिकना - अ० क्रि० (दे० ) पत्तियों या पहियों का बोलना, चेहेकना (दे० ) । चिहुँकनाळा - क्रि० प्र० (दे० ) चौंकना | चिहुँटना - स० क्रि० (सं० चिमिट हि० चिपटना ) चुटकी काटना। मुहा०-चित्त चिहुँटना-मर्म - स्पर्श करना, चित्त में चुभना ।
चिहुँटनी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) घुंघची, गुंजा ।