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प्रटर सटर - क्रि० वि० ( अनु० ) अंड
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अटम्बर
टम्बर - संज्ञा, पु० (सं० अटम् + अम्बर ) टूट - वि० दे० वस्त्र का ढेर |
प्रटरनी - संज्ञा, पु० ( ० एटरनी ) कलकत्ता, बम्बई के हाईकोटा में एक प्रकार IT बैरिस्टर या मुख्तार । अटल - वि० (सं० अ + हि० टलना ) जो टले, स्थिर, नित्य, चिरस्थायी, अवश्यम्भावी, बुन, पक्का, दृढ़, संज्ञा, पु० दे० गोसाइयों के एक अखाड़े का नाम । श्रटवाटी - खरबाटी - संज्ञा, स्त्री० ( हि० खाट-पाटी) खाट, खटोला, साज-सामान । मु० - वाटी खरबाटो लेकर पड़ना --काम-काज छोड़ रूठ कर पड़ना । श्रटवी - - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) वन,
जंगल,
गहन, भयानक कानन ।
अटहर - संज्ञा, (सं० अट - अटाला ) घटाला, ढेर, फेंटा, पगड़ी, संज्ञा, पु० ( हिं० अटक ) दिक्कत, कठिनाई, अड़चन, (दे० ) बिगाड़, हानि, बुराई, इधर-उधर का काम । अटा - संज्ञा स्त्री० (संग्रट्ट - अटारी ) घर के ऊपर की अटारी, कोठरी, छत, 'चढ़ी टा देखति घटा, बिज्जु छटासी नारि "--- वि०-संज्ञा, पु० (सं० अट् - अतिशय ) ढेर, राशि, समूह |
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अटाउ - संज्ञा पु० (सं० प्रट्ट प्रतिक्रमण ) बिगाड़, बुराई, नटखटी, शरारत । टाटूट - वि० (सं० श्रद्ध - ढेर + हिं० टूटना ) नितान्त, बिलकुल अपरिमित, बेशुमार ।
अटारी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० अट्टाली) घर के ऊपर की छत या कोठरी, कोठा, बहुवचन (०) - अटारिन, अटारियाँ । अटाल - संज्ञा, पु० (सं० टाल ) बुर्ज,
धरहरा, बहुत । अटाला – संज्ञा, पु० (सं० अट्टाल) ढेर, राशि, सामान, कसाइयों की बस्ती, असबाब । भा० श० को०- ७
अट्ठाईस
( हि० अ + टूटना ) न टूटने के योग्य, दृढ़, पुष्ट, मजबूत, अजेय, बहुत, लगातार, पूरा, कुल, अखंड । टेक - संज्ञा, पु० ( हि० अ + टेक) टेक रहित, निराश्रय, उद्देश्यहीन, भ्रष्टप्रतिज्ञ, हठहीन |
टेरन - संज्ञा, पु० (सं० अट-६ - घूमना ) सूत की आँटी बनाने का लकड़ी का एक यंत्र, थोपना, घोड़े के कावा या चक्कर देने की एक विधि | अटेरना - क्रि० स० । अटेरना - स० क्रि० ( हिं० अटेरन ) अटेरन से सूत की आँटी बनाना, मात्रा से अधिक नशा पीना । हिं० यौ० अ + टेरना. ब्र० -
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बुलाना न बुलाना । टोक - वि० ( हिं० रोक-टोक
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करी " - गुलाब |
टोल - संज्ञा, पु० (दे० ) असभ्य, अनाड़ी जंगली, बर्बर ।
अट्टसह - संज्ञा, पु० दे० ( अनु० ) व्यर्थ का प्रलाप, टाँय - साँय ।
अट्टहास - सज्ञा, पु० (सं० ) जोर की हँसी, ठट्टा मार कर हँसना ।
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अट्टहास-संज्ञा पु० (सं० ) ' अट्टहास ' कहकहा मारना ।
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अट्टालिका - संज्ञा स्त्री० (सं० ) अटारी, कोठा, धवलागार, हर्म्य |
पट्टा - संज्ञा, पु० (सं० अट्टालिका) टा, मचान, कोठा, दे० अंटा ।
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+ टोकना ) बिना टोंक ड्योढ़ी
श्रट्टा - संज्ञा, स्त्री० (सं० श्रट् - घूमना ) सूत की लच्छी
अंटी - संज्ञा स्त्री० (दे० ) सूत की लच्छी,
शरारत, उलझन ।
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अट्टा -- संज्ञा, पु० दे० (सं० अष्ठ) ताश का पत्ता जिसमें किसी रंग की आठ बूटियाँ हों । अट्ठाइस - वि० देखो " अट्ठाईस ' अट्ठाईस - वि० दे० (सं० अष्टाविंशति ) बीस और आठ २८ ॥
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