SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 563
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गठ्ठा ५५२ गड़गड़ाना गट्ठा-संज्ञा, पु० दे० (हि. गाँठ स्त्री. गठिवन्ध -संज्ञा, पु० (दे०) गठबन्धन । . अल्पा० गठ्ठा) गठिया, घास, लकड़ी श्रादि | गठिया-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. गाँठ ) बोरा, का बोझ, बड़ी गठरी, बुकचा, बचका थैला, खुरजी बड़ी गठरी, बात रोग, बाई (दे० ) प्याज या लहसुन की गाँठ। की बीमारी । यौ० गठियाबात। गठन-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० ग्रन्थन ) बना- | गठियाना-क्रि० स० दे० (हि. गाँठ) वट, संगठन । गाँठ बाँधना, गाँठ लगाना, गाँठ में गठना-क्रिया० अ० दे० (सं० ग्रन्थन ) । बाँधना । दो पदार्थों का मिल कर एक होना, जुड़ना, गठिवन-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० ग्रन्थिपर्ण ) सटना, मोटी सिलाई। बनावट का दृढ़ साधारण या मध्यम आकार का एक पेड़ होना । प्रे० स० क्रि० गठाना। जो औषधि है। यौ०-गठाबदन-हृष्टपुष्ट, कड़ा या सुदृढ़ | गठिहा संज्ञा, पु० (दे० ) गाँठों वाला, शरीर, किसी षट-चक्र या षड यंत्र, या गुप्त बोरा। विचारों में सहमत होना, सम्मिलित होना, गठीला-वि० (हि. गाँठ - ईला प्रत्य) दाँव पर चढ़ना, अनुकूल होना, सधना, (स्त्री० गठीली) बहुत गाँठों वाला। वि० भली भाँति निर्मित होना, अच्छी तरह (हि० गठना) गठा हुआ, मिला हुआ, रचा जाना, सम्भोग होना, विषय होना, सुडौल, मज़बूत, दृढ़, हृष्टपुष्ट खूब चुस्त या अधिक मेल-मिलाप होना। गठबन्धन-संज्ञा, पु० दे० (सं० ग्रन्थि+ गठा ( कसा ) हुआ जैसे- गठीला बदन । बंधन ) गठजोड़ा, वर-वधू के वस्त्रों के छोरों | गठोत, गठौती- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. को मिला कर बाँधना। गठना ) मेल-मिलाप, मित्रता, मिलकर ठीक गठर-संज्ञा, पु० (दे०) बड़ी गाँठ । वि० की हुई बात, अभिसंधि । गठीला। गडंग-संज्ञा, पु० दे० (सं० गर्व ) ( वि० गठरी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० गट्ठर ) कपड़े | गड़गिया ) घमंड, अहंकार, शेख़ी, डींग, में गाँठ लगा कर बाँधा हुश्रा सामान, बड़ी श्रात्मश्लाघा बड़ाई प्रारम-प्रशंसा, पोटली, मोट, गठर, बोझा, भार, गठरिया अहम्मन्यता, अभिमान ।। गड़न्त–संज्ञा, पु० दे० (हि. गाड़ना ) महा०-गठरी मारना-उगना, चोरी गाडने का कार्य। करना, धोखा देकर धन ले लेना, अनुचित | गड़-संज्ञा, पु० (सं० ) पाड, प्रोट, घेरा. रूप से किसी का धन ले लेना। चहार दीवारी, गड्ढा । गठवाँसी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० गट्ठा+ गडक-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) एक प्रकार की अंश ) गडे या विस्वे का बीसवाँ भाग, मछली। बिस्वांसी। गडगड- संज्ञा, स्त्री० दे० (अनु०) बादल गठवाना- स० कि० (हि० गाठना) गठाना की गरज, गाड़ी के चलने का शब्द, पेट की ( जूते आदि का ), सिलवाना, जुड़वाना, वायु के बोलने का शब्द, हुक्के का शब्द । जोड़ मिलवाना। | गड़गड़ा-संज्ञा, पु० दे० (अनु०) एक गठाव-संज्ञा, पु० (दे०) गठन, मिलावट, जोड़। प्रकार का हुक्का, एक प्रकार की गाड़ी। गठित-वि० (सं० ग्रन्थित ) गठा हुआ, गड़गड़ाना-क्रि० अ० दे० ( हि० गड़बड़ ) जुड़ा हुभ्रा। __ गरजना, कड़कना, हुक्का बजाना, किसी For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy