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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ५५१ ग़ज़ब ग़ज़ब - संज्ञा, पु० ( अ० ग़ज़ब ) कोप, क्रोध, गुस्सा, धापत्ति, धाफ़त, विपत्ति, विलक्षण बात, अंधेर, अन्याय, ज़ुल्म, अनोखी बात, पूर्व गजबाँक-गजबाग - संज्ञा, पु० यौ० (सं० गज + बाँक या बाग ) हाथी का अंकुश । ज-मुक्ता - संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० ) वह मोती जो हाथी के मस्तक से निकाला जाता है, गजमोती (दे० ) । गजमोती-संज्ञा, पु० यौं० ( दे० ) 23 गजमुक्ता 1 "6 गजर - संज्ञा, पु० (सं० गर्ज हि० गरज ) पहर पहर पर घंटा बजने का शब्द, पहरा, सबेरे के समय का घंटा । मुहा०-- गजरदम - सबेरे, तड़के चार श्राठ, और बारह बजे पर उतने ही बार फिर जल्दी जल्दी घंटे का बजाना । गजरा - संज्ञा, पु० ( हि० गंज ) फूलों की माला, हार, एक गहना जो कलाई में पहिना जाता है, एक रेशमी कपड़ा, मशरू | गँजरा (दे० ) । गज - राज - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) ऐरावत, बड़ा हाथी, हाथियों का राजा । गज़ल - संज्ञा, स्त्री० ( ० ) एक प्रकार की उर्दू-फारसी की कविता | गजवदन - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) गणेश जी जिनका मुख हाथी के मुख के समान सिद्धि के सदन गज- बदन विशाल है । "; 33 तनु । गजघान -संज्ञा, पु० ( हि० गज + वान प्रत्य० ) हाथी वाला, महावत, फ़ीलवान । गज-शाला – संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) वह घर जिसमें हाथी बाँधे जाते हैं, फीलखाना ( फ़ा० ) हथसाल (दे० ) । गजबुसा - संज्ञा, पु० (सं० ) केले का पेड़, केला । गजा -संज्ञा, पु० (दे० ) खजूर का फल, खुर्मा, एक प्रकार का मिष्ठान्न । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गठ्ठर गजाधर - संज्ञा, पु० (दे० ) " गदाधर " ( सं० ) 1 गजानन - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) गणेश जी, जिनका मुख हाथी का सा है । "गजान चारु विशाल नेत्रम् ।" गजाना - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) पचाना, सड़ाना, गंध देना, बसाना, राशि करना । गजाली - संज्ञा, पु० ( सं० ) हाथियों का समूह | "न याचे गजालि न वा वाजिराजम् " पं० रा० । गज़ी - संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा० गज ) देशी मोटा कपड़ा, गाढ़ा | संज्ञा, स्त्री० (सं०) हथिनी । गजेंद्र - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० गज + इन्द्र ) ऐरावत हाथीराज, बड़ा हाथी । गज्मा संज्ञा, पु० दे० ( सं० गज = शब्द ) पानी और दूध आदि के छोटे छोटे बुलबुलों का समूह, गाँज्ञी | संज्ञा पु० दे० (सं० गंज) गाँज, ढेर, अम्बार, खजाना, कोष, धन । गझिन - वि० दे० ( हि० गछना ) घना, गाढ़ा, मोटा, घना बिना 'हुआ गटई - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) गला, गर्दन | गटकना - क्रि० स० दे० ( गट से अनु० ) निगलना, खाना, हड़पना, दबा लेना । गटगट - संज्ञा, पु० ( ग्रनु० ) घूँट घूँट पीने में गले का शब्द, गटागट ( दे० ) । गट-पट - संज्ञा, स्त्री० दे० ( मनु० ) बहुत ज़्यादा मेल, घनिष्टता, साथ रहना, प्रसङ्ग, बातचीत, मिलावट | -- गट्ट - संज्ञा, पु० दे० : अनु० ) किसी पदार्थ के निगलते समय गले का शब्द । गट्टा - संज्ञा, पु० दे० ( सं० ग्रन्थ प्रा० गंठ हि० गाँठ ) हथेली और पहुँचे के बीच का जोड़, कलाई, पैर की नली और तलुए के बीच का जोड़ या गाँठ, माँठ, बीज, एक प्रकार की मिठाई । गट्ठर - संज्ञा, पु० दे० ( हि० गाँठ ) बड़ी गठरी, गठरिया दे० ( स्त्री० अल्पा० ) पोटली । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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