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खू
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खुटना (दे० ) 1... " तौ गनि विधाता हू की आयु खुटि जायगी " - रत्ना० । खूँटा -- संज्ञा, पु० दे० (सं० तोड़ ) लकड़ी ET, ( पशु बाँधने वा ) । खूंटी -- संज्ञा, स्त्री० द० ( हि० खूँटा ) छोटी मेख, कील, अरहर, ज्वार आदि के पौधों के निचले भाग जो काटने पर गड़े रह जाते हैं, अंटी, गुल्ली, बालों के नये कड़े अंकुर, सीमा ।
खू
ड -संज्ञा, पु० (दे०) श्रंक, खाँई, खान । खूद - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) थोड़ी जगह में घोड़े का कूदना ।
खूँदना - अ० क्रि० दे० ( सं० खुडन तोड़ना ) उछल-कूद करना, पैरों से रौंद कर बरबाद करना, कुचलना । खोदना (दे० ) रौंदना, टाप पटकना । प्रे० रूप० खुदाना, खुदवाना - खुदराना -- दुलकी चलाना । खूक- खूख संज्ञा, पु० ( प्रान्ती० ) सुअर | ख़ूझ्झा-संज्ञा, पु० दे० (सं० गुह्य, प्रा० गुज्झ ) फल का भीतरी रेशेदार व्यर्थ का भाग, उलझा हुआ लच्छा । खूटना - प्र० क्रि० दे० (सं० खंडन ) रुकना, अंत होना । स० क्रि० छेड़ना, रोकटोक करना, घटना, चुक या बीत जाना, टोंकना । श्रायुर्वल, खूढ्यौ धनुष जु टूट्यौ " - राम० ।
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खूद - खूदड़ - खूदर -संज्ञा पु० दे० (सं० क्षुद्र ) तलछट, मैल |
रुधिर,
खून संज्ञा, पु० ( फा० ) रक्त, बध, हत्या | मुहा०- खून उबलना ( खोलना ) क्रोध से देह ( ख ) लाल होना, गुस्सा चढ़ना, खून का प्यासा - वध का इच्छुक | ख़ून सिर पर चढ़ना ( सवार होना ) किसी को मार डालने या ऐसा ही अनिष्ट करने पर उद्यत। खून पीना- --- मार डालना, सताना, तंग करना । खून के घूँट पोनालगने वाली बात को चुपचाप सह
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खेचरा
लेना । यौ० -- खून खच्चर, खून-खराबी ( खराबा ) मार-काट | लॉ० खून लगा कर शहीदों में मिलना-झूठमूठ अगुश्रा या नेता बनना किसी व्याज से श्रागे बढ़ना, बिना योग्यता के अधिकारी होने का दम भरना सुहा०- खून लगनाकिसी हिंसक पशु का खूंखार हो जाना ।
खून करना - हत्या करना । वि० खूनीहत्यारा, अत्याचारी ।
खुब - वि० ( फा ) अच्छा, भला, उत्तम । क्रि० वि० ( फा० ) भली भाँति | संज्ञा, स्त्री० खूबी ।
खूबकलां - संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) खाकसीर । खूबसूरत - वि० ( फा० ) सुन्दर, रूपवान | संज्ञा, स्त्री० खूबसूरती -सुन्दरता । खुबानी - संज्ञा स्त्री०
( फ़ा० ) ज़रदालु
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नामक एक फल |
खूबी-संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) अच्छाई, भलाई, विशेषता, गुण ।
खुभना - अ० क्रि० (दे० ) अजीर्ण होना, पुराना होना ।
खूसट-खूबा - संज्ञा, पु० दे० (सं० कौशिक ) उल्लू । वि० मनहूस, मूर्ख, नीरस, खूसर (दे० ) " सुमिरे कृपालु के मराल होत खुसरो ” – कवि० ।
सृष्टीय – वि० (हि० ख्रीष्ट + ई – सं० प्रत्य० ) ईसा संबन्धी, ईसाई |
खेकसा - खेखसा - संज्ञा, पु० ( प्रान्ती० ) परवल जैसा एक रोंएदार फल (तरकारी) कोड़ा |
खेचरा - संज्ञा, पु० यौ० (सं० खे + चर )
कचारी, सूर्य, चंद्र, ग्रह, तारा, वायु, देवता, पक्षी, विमान, भूत-प्रेत, राक्षस, बादल, पारा, कसीस, शिव, विद्याधर ।
० खेचरी गुटिका संज्ञा, स्त्री० (सं० ) योग - सिद्ध एक गोली जिसे मुख में रखने से प्रकाश में उड़ने की शक्ति था जाती
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