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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कामचारी कामवती कामचारीवि० (सं० ) कामुक, स्वच्छंद अनु० ) काम-काज । संज्ञा, पु० यौ० (सं०) विचरण-शील, उच्छं खल, स्वेच्छाचारी, काम का स्थान, योनि, स्त्री की गुह्येन्द्रिय । मनमाना घूमने या करने वाला । संहा, स्त्री० कामधुक-संज्ञा, स्त्री० (सं०) कामधेनु, कामचारिता। सुरभी गाय । कामचोर-वि० (हि. काम+चोर ) काम कामधेनु-संज्ञा, स्त्री. (सं०) इच्छा-फल से जी चुराने वाला, अकर्मण्य, आलसी। देने वाली देवताओं की गाय जो सागर से कामज-वि० (सं० ) वासनोत्पन्न । १४ रत्नों के साथ निकली थी, वशिष्ठ की कामजित-वि० (सं० ) काम को जीतने शवला ( नंदिनी ) जिसके लिये विश्वामित्र वाला । संज्ञा, पु. (सं० ) शिव, कार्तिकेय, से युद्ध हुआ, जिसने दिलीप को पुत्र दिया जिन देव । था (पुरा० रघु० )। कामज्वर-संज्ञा, पु. (सं० ) एक प्रकार | कामना -- संज्ञा, स्रो० (सं०) इच्छा, मनोरथ। का ज्वर जो स्त्रियों या पुरुषों को अखंड ब्रह्म- कामपाल-संज्ञा, पु० (सं०) शिव, बलराम | चर्य पालने से हो जाता है। कारवाण-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कामदेव कामडिया-संज्ञा, पु० (हि० कामरी ) राम- के ५ वाण-मोहन, उन्मादन, संतापन, देव के मतानुयायी चमार साधु । शोषण, निश्चेष्टकरण । ५ पुष्प-वाण-लाल काम-तरु-संज्ञा, पु. यो० (सं०) कल्पवृक्ष । कमल, अशोक, अाम्रमंजरी, चमेली, नील कामता-संज्ञा, पु० दे० (सं० कामद ) कमल | चित्रकूट पर्वत । कामयाब - वि० (फा०) सफल, कृतकार्य । कामद-वि० (सं० ) मनोरथ पूरा करने संज्ञा, स्त्री० (फा०) कामयावी.-सफलता। वाला, अभीष्ट दाता, स्त्री० कामदा। कामरिपु-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कामारि कामदमणि-संज्ञा, स्त्री० यो. ( सं० ) -शिव, मदन विजेता। चिंतामणि । कामरी-कामरिया कामरि -संज्ञा,स्त्री० दे० काम-दहन-संज्ञा, पु० या० (सं० ) कामदेव (सं० कंवल) कमली, कारी (दे०)।कामलो। को जलाने वाले शिव । कामरुचि-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) एक प्रकार कामदा-संहा, स्त्री. ( सं०) कामधेनु, का अस्त्र। भगवती, १० वर्णों का एक वृत्त ।। कामरू-संज्ञा, पु० (दे० ) कमरूप-प्रदेश । कामदानी-संज्ञा, स्त्री० (हि० काम-+-दानी कामरूप-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) कामाख्या -प्रत्य० ) तार या सलमें सितारे से बने देवी का प्रदेश (आसाम) कामाक्षा, शत्रु के बेल-बूटे । अस्त्रों को व्यर्थ करने वाला एक प्राचीन कामदार-संज्ञा, पु० (हि० काम+दार- अस्त्र, २६ मात्राथों का एक छंद, देवता। प्रत्य० ) कारिंदा, प्रबंध-कर्ता। वि० सलमें- वि० मनमाना या इच्छानुसार रूप बनाने सितारे या कलाबत्तू आदि के बेल-बूटे वाला। वाला । “काम-रूप केहि कारन अाया"कामदुहा-संज्ञा, स्त्रो० (सं०) कामधेनु, रामा० । वि० कामरूपी- संज्ञा, पु० (सं०) कामद गो, सुर गौ। एक विद्याधर कामदेव--संज्ञा, पु. (सं० ) स्त्री-पुरुष को कामल-कागला-संज्ञा, पु. ( सं० ) संयोग की प्रेरणा करने वाला एक देवता, कामलक -- रोग, कमल या पीलिया रोग । मदन, वीर्य, संभोगेच्छा। कामलोल-वि० (सं०) चंचल, चलचित्त । काम-धाम-संज्ञा, पु० (हि. काम+ धाम- कामवती--- संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) संभोग For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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