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कदर्थित कद–क्रि० वि० दे० (सं० कदा ) कब, कदा, | पैंड, फाल, डग, घोड़े की वह चाल या किस समय ।
गति जिसमें पैर तो चलते हैं किन्तु बदन कद-संज्ञा, स्त्री० ( अ. कद्द ) द्वैष, शत्रुता, नहीं हिलता। हठ, ज़िद । संज्ञा, पु० (अ. कद ) ऊँचाई कदमबाज--वि० (अ.) क़दम की चाल ( प्राणियों के लिए ) डीलडौल । यौ० कदे ___ चलने वाला (घोड़ा) । संज्ञा, स्त्री( क ) आदम--मनुष्य-शरीर के क़दमबाज़ी। बराबर ऊँचा।
कदर- संज्ञा, स्त्री. (अ.) मान, मात्रा, कदक्षर--संज्ञा, पु० (सं० ) कुत्सित वर्ण, मिकदार, प्रतिष्ठा, बड़ाई । संज्ञा, पु० (दे०) ख़राब अक्षर ।
सफ़ेद कत्था, गोखरू, अंकुश, श्रारा, टाँकी। कदध्वा-कदधव ( दे० )-संज्ञा, पु० (सं० कदरई*---संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि. कादर ) कद् + अध्वन् ) बुरा मार्ग, कुपथ, कुत्सित
कायरता, कादरता, डरपोकपन, कदराई पथ, कुमार्ग। कदन-संहा, पु० (सं० ) मरण, विनाश, | कटरज-संज्ञा. पु० दे० (सं० कदर्य ) एक मारना, वध, हिंसा, युद्ध, संग्राम, पाप, प्रसिद्ध पापी। वि० ( दे० ) कदर्य, कंजूस, दुःख, मर्दन, हत्या। “बिरह कदन करि
कायर। मारत लुंजै"-भ्र०।
कदरदान -- वि० ( फ़ा० ) क़दर या मान कदन्न-संज्ञा, पु० (सं० कद् + अन् --- क्त )
करने वाला, गुण-ग्राही । संज्ञा, स्त्री० (फा ) कुत्सित अन्न अपवित्र अन्न, मोटा अनाज,
कदरदानी-गुण-ग्राहकता। बुरा धान्य---जैसे कोदो, मसूर ।
कदरम्स*- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कदन+ कदम--संज्ञा, पु० दे० (सं० कदम्ब ) एक
मस-प्रत्य० हि० ) मार-पीट, लड़ाई । सदा बहार पेड़, समूह, एक घास ।
कदराई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० कादर+ कदम-संज्ञा. पु. (अ.) पैर, पाँव, डग, घोड़े की एक गति।
ई--प्रत्य० ) कायरता, भीरुता, कायरपन ।
"लागत अगम अपनि कदराई "-रामा० । मु०-क़दम उठाना--तेज़ चलना, उन्नति करना, कदम चलना-(चलाना )
कदराना*-अ० क्रि० दे० ( हि० कादर ) घोड़े को एक विशेष गति से चलाना
कायर होना, डरना, पीछे हटना। 'तुम (चलना) । कदम चूमना (छूना)
यहि भाँति तात कदराहू" रामा० । प्रणाम करना, शपथ खाना । कदम । कदरा-सज्ञा, स्त्रा० द० (स० कद =बुरा+ बढाना ( आगे बढाना ) या बढना | रख - शब्द ) मैना के बराबर एक पक्षी । तेज़ चलना. उन्नति करना । कदम कदर्थ -- वि० (सं० कद् + अर्थ ) निरर्थक, रखना–प्रवेश करना, दाखिल होना, बुरा, कुत्सित । संज्ञा, पु० (सं०) बे काम श्राना, प्रारम्भ करना । कदमबासी वस्तु, कूड़ा-करकट । संज्ञा, स्त्री० भा० - करना-स्वागत या सत्कार करना, पैर कदर्थता। छूना, पैर चूमना। कीचड़ या धूल में कदर्थना--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कदर्थन ) बना हुआ पद-अंक । मु०---कदम पर दुर्गति, दुर्दशा। कदम रखना-ठीक पीछे चलना, कदर्थित-वि० (सं० ) दुर्दशा प्राप्त, अनुकरण या नक़ल करना । चलने में | जिसकी दुर्गति की गई हो । वि०एक पैर से दूसरे तक का अन्तर, पग, । कदर्थनीय-विडंबनीय ।
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