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उपटन
उपटन - संज्ञा, पु० (दे० ) उबटन, बटना | संज्ञा, पु० दे० (सं० उत्पतन = ऊपर उठना ) श्राघात, दबाने या लिखने से पड़े हुये चिन्ह या निशान, साँट |
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उपटना अ० क्रि० दे० (सं० उत्पट = पट के ऊपर ) श्रावात, दबाव या लिखने से पड़ने वाले चिन्ह, या निशानों का श्रा जाना, निशान पड़ना, उखड़ना, उछल आना, ई गड़ि गाड़ै परी, उपट्यो हार हियै न । वि० बिन गुन पिय aिय हरवा,
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उपटेउ हेरि " रही० । उपटाना सं० क्रि० दे० ( हि० उबटना का० प्रे० रूप ) उबटन लगवाना, उबटन लगाना । कंचुकी छोरी उतै उपबो को..." देव० | क्रि० स० ( सं० उत्पाटन)
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उखड़वाना, उखाड़ना, उचाटना, हटाना ।
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उपटारना*—सं० कि० दे० (सं० उत्पटन ) उच्चाटन करना, उठाना, हटाना, उपठारना (दे० ) । मधुबन तैं उपभरि स्याम कहँ या व्रज कै ग्राव - भु० । उपड़ना- प्र० क्रि० दे० (सं० उत्पटन ) उखड़ना, उपटना, अंकित होना, निशान पड़ना ।
उपढौकन - संज्ञा, पु० (सं० उप + ढौक + भट्) पारितोषिक उपहार, भेंट, इनाम । उपतंत्र - संज्ञा, पु० (सं० ) यामल आदि तंत्रशास्त्र, सूक्ष्म सूत्र ।
उपतप्त - वि० (सं० उप् + तप् + क्त ) संतापित, दुखित, संतप्त, दग्ध, जला हुथा । उपतारा - संज्ञा स्त्री० (सं० ) क्षुद्र नक्षत्र, नेत्र गोलक ।
उपत्यका - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) पर्वत के पास की भूमि तराई, “उपत्यकाद्रेरासन्ना भूमिः” – थमर० ।
उपदेश – संज्ञा, पु० (सं० ) दाँत या नाखून लगने से लिंगेंद्रिय पर घाव हो जाने वाला रोग, गरमी, श्रातराक, फिरंगरोग, सुजाक, मेदरोग, सर्पदंश, गज़क, चाट ।
उपद्रव
उपदल --- संज्ञा, पु० (सं० ) मुकुल, पत्ता, पान, दल, पुष्पदल । उपदर्शक संज्ञा, पु० (सं० ) द्वारपाल, प्रहरी ।
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उपदा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) भेंट, उपायन, दर्शन |
उपदिशा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) दो दिशाओं के बीच की दिशा, कोण, विदिशा, चार कोनों की चार दिशायें, ईशान, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य ।
उपदिष्ट - वि० (सं० उप + दिश + क्त ) जिसे उपदेश दिया गया हो, जिसके विषय में उपदेश दिया गया हो, ज्ञापित, कृतोपदेश | स्त्री० उपदिष्टा । उपदेवता – संज्ञा, पु० (सं० ) भूत प्रेतादि, छोटे देवता ।
उपदेश – संज्ञा, पु० (सं० उप + दिश् + अल् ) हितकारी बात, शिक्षा, नसीहत, सीख (दे०) दीक्षा, हित-कथन, गुरुमंत्र, सिखावन (दे० ) उपदेस (दे० ) " जो मूरख उपदेस के, होते जोग जहान वृ० । वि० उपदेशकारी - उपदेशकर्ता, उपदेशप्रद, उपदेष्टा ।
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उपदेशक - संज्ञा, पु० (सं० ) उपदेश करने वाला, शिक्षा देने वाला ।
उपदेश्य - वि० (सं० उप + दिश् +य् ) उपदेष्टव्य, उपदेश के योग्य, उपदेशाधिकारी, सिखाने योग्य ( बात ) ।
उपदेष्य - संज्ञा, पु० (सं० उपदेष्ट उप + दिश् + तृण) उपदेशकर्ता, श्राचार्य, शिक्षक, शिक्षा - गुरु, उपदेश देने या करने वाला । स्त्री० उपदेष्ट्री |
उपदेसना - स० क्रि० दे० (सं० उपदेश + ना -- प्रत्य० ) उपदेश करना या देना, सिखाना ।" उपदेसिबो, जगाइबो, तुलसी उचित न होय " 1
उपद्रव -- संज्ञा, पु० (सं०) उत्पात, हलचल, उपाधि, अधम, (दे० ) गड़बड़,
विप्लव,
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