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उजरा
उजाला उजग*-वि० दे० (हि. उजड़ना ) उजड़ा, बीरान। वि० ध्वस्त, उछिन्न, गिरा पड़ा, जो बीरान, नट । वि० दे० ( हि० उजला) श्राबाद न हो, वीरान, निजन-ऊजड़ सफ़द, स्वच्छ, दिव्य । स्त्री० उजरी। (दे०)। उजराई-सज्ञा, स्त्री. ( दे० ) उजाली, उजाड़ना - स० क्रि० (हि. उजड़ना ) ध्वस्त सफ़ेदो, उज्ज्वलता (सं०) कांति, स्वच्छता, । करना, बीरान करना, नष्ट करना, उधेड़ना, क्रि० स० । प्रे० रूप-उजराना ) उजाड़ा, बिगाड़ना, उच्छिन्न करना, तितर बितर उजड़ाया, धवलीकृत ।।
करना, चौपट करना, निजन करना, उजराना-स० कि० दे० (सं० उज्वल) उजारना (दे.) " मैं नारद कर काह उज्वल कराना, साफ़ कराना, स्वच्छ बिगारा बपत भवन जिन मार उजारा"कराना । अ० कि०---सफ़ेद या साफ़ होना, रामा० । स० कि० दे० (हि. उजड़ाना ) उजाड़ना का | उजान-संज्ञा, पु० (दे० ) नदी का चहाव, प्रे० रूप, किसी को उजाड़ने में प्रवृत्त बाढ़, ज्वार ( भाटे का विलाम ) । करना।
उजार-संज्ञा, पु० (दे. ) उजाड़ (हि.) उजरे - वि० दे० (हि. उजड़ ) वीरान, वि० (दे०) वीरान ।
नष्ट हुए, उजड़े हुए, “ उजरे हरप, विपाद " जग उजार का कीजिय बसडकै "-प० । बसेरे "--रामा० । वि० ब० ब० (दे०) जागर संज्ञा. पु० दे० (हि. उजाला ) उजले (हि. ) स्वच्छ, सफ़ेद ।।
उजाला, प्रकाश । वि. प्रकाशमान्. कांतिजन्नत - संज्ञा, स्रो० (प्रा.) जल्दी. मान, " कंचन के मंदिरन दीठि ठहराति उतावली । वि० (हि. उजला ) उज्वलित. नाहि, दीपमाल लाल मदा मानि: उजारे प्रकाशमान, "हँ पन अबीर हीर अति संदर: सां” स० । जो न होत अस पुन्य उजलत परम उजेरी '--श्री गुण्य । उजारा"-५०। क्रि० स० ( मा० भूत.) उज नवाना-स० कि० ( हि० उजालना का उजाड़ा (हि., । प्रे० रूप ) गहने या वस्त्रादि का माफ उजागे संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० उजाली) कराना, उतराना (दे.)।
चाँदनी, चंद्रिका, प्रकाश, प्रभा, कांति, उजना--वि० दे० ( सं० उज्वल ) वेत, जयार', उज्यारी (दे० ) । " पारसी सनद, स्वच्छ, धवल, साफ, निर्मल. झक, से अंबर मैं आभाती उजारो ठाढ़ी"उजरा, उजरा-उजरा, ऊजरो ( दे० )। रवि० । उजारि -- पू० का० क्रि० ( उजारना स्त्री० उजली।
दे०) उजाड़ कर। संज्ञा, स्त्री. (दे०) उजवाना-स० कि० (दे०) ढलवाना, : नवान्न-राशि से देवार्थ अन्न निकालना। उझालना।
उजालना स० कि० दे० (सं० उज्वलन) उजागर-वि० दे० (सं० उद् = ऊपर-भली गहने या हथियार यादि का साफ़ करना, भांति--जागर =जागना, प्रकाशित होना ) __ चमकाना, निवारना. प्रकाशित करना, प्रकाशित, जाज्वल्यमान, जगमगाता हुअा, बालना, जलाना । प्रसिद्ध, विख्यात. " राम-जनम जग कीन्ह उजाला-संज्ञा. पु. ( सं० उज्वल ) प्रकाश. उजागर "-रामा० ।
चाँदना. रोशनी, अपने कुल और जाति में उजाड़-संज्ञा, पु. ( हि० उजड़ना ) उजड़ा : सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति। स्त्री० उजाला-चाँदनी हुश्रा स्थान, गिरी पड़ी जगह, निजन स्थान, वि० ---(सं० उज्वल ) प्रकाशवान्, अँधेरा बस्ती हीन स्थान, जगल, बियाबान. का उलटा । स्री उजली । भा० श. को.-३६
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