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ईठी
ईषणा
यौ० ईठादाडू-संज्ञा, पु० ( दे० ) चौगान | ईदुवा--संज्ञा, पु० (दे० ) उढ़कना, टेकना, खेलने का डंडा।
श्राड़, टेक। ईठी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) भाला, बरछा।
| ईदक्-वि० (सं०) ईदृश, एतत्सदृश, वि० स्त्री० प्रिय ।
ऐसा, इसके समान, इस प्रकार। ईड़ा-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) स्तुति, प्रशंसा, । स्त्री० ईदृशी।
इडा नाम की एक नाड़ी ( योग०)। ईदृक्ष-क्रि० वि० ( सं० ) इस प्रकार, इंडित-वि० (सं० इडि+क) प्रशंसित, । ऐसा इस तरह। कृतस्तवन ।
ईदृश-कि० वि० ( सं० ) इस भाँति, इस ईद-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० इष्ठ, प्रा० तरह, ऐसे।
इ8) ज़िद, हठ । वि० ईढी-ज़िद्दी, हठी। वि० इस प्रकार का, ऐसा । ईतर*-वि० दे० (हि० इतराना ) इतराने ईप्सा--संज्ञा, स्त्री० (सं० ) इच्छा, वांछा, वाला, शोख, गुस्ताख, ढीठ।
अभिलाषा, चाह। वि० दे० (सं० इतर) निम्न श्रेणी का, नीच । ईप्सित-वि० ( सं० ) चाहा हुआ, संज्ञा, पु० (अ० इत्र ) इतर, अतर, इत्र ।
इष्ट, अभिलषित, वांछित, अभीष्ट । ईति-संज्ञा, स्त्री० (सं०) खेती को हानि
" ईप्सिततमं कर्म"-पा० । पहुँचाने वाले उपद्रव जो छः प्रकार के कहे | वि० इप्सु-इच्छुक, अभिलाषी। गये हैं :
| ईफाय डिगरी-संज्ञा, सी० (अ.) डिगरी १-अतिवृष्टि, २-अनावृष्टि, ३-ठिड्डी का रुपया अदा करना। पड़ना, ४-चूहे लगना, ५-पक्षियों की |
ईबी-सीबी-- संज्ञा, स्त्री० ( अनु० ) सिसअधिकता। ६-दूसरे राजा की चढ़ाई। कारी का शब्द, सी, सी का शब्द जो बाधा, पीडा, दुख विपत्ति, वित्र, अंडा, आनन्द या पीड़ा के समय मुख से निकलता प्रवास।
है, सीत्कार। "टारी अरि-ईति-भीति सारी बाहु-बल " ईमान-संज्ञा, पु. ( अ० ) धर्म, विश्वास, अ० ब०-" सरस"।
श्रास्तिक्य-बुद्धि, चित्त की सद्वृत्ति, अच्छी ईथर-संज्ञा, पु. (अ.) एक प्रकार का नियत, धर्म, सत्य, (बिलोम-बेईमान)। अति सूचम और लचीला द्रव्य या पदार्थ । ईमानदार-वि० (फा.) विश्वास रखने जो समस्त शून्य स्थल में व्याप्त है, आकाश- वाला, विश्वास-पात्र, सच्चा, दियानतदार, द्रव्य, एक प्रकार का रसायनिक द्रव पदार्थ जो लेन-देन या व्यवहार में सच्चा और जो अलकोहाम और गंधक के तेज़ाब से पक्का हो, सत्य का पक्षपाती, सद्वृत्ति वाला। बनता है।
संज्ञा, स्त्री० ईमानदारी।। ईद-संज्ञा, स्त्री. (अ.) मुसलमानों का ईरखा -संज्ञा, स्त्री० (दे० ) ईर्षा (सं.)।
रोज़ा ख़तम होने पर एक त्यौहार, यह ईरमद-संज्ञा, पु. ( दे० ) इरम्मद प्रायः द्वितीया या परिवा को होता है। (दे० ) वज्राग्नि, बिजली। यौ० ईदगाह-मुसलमानों के एकत्रित ईरान-संज्ञा,पु० (फ़ा०) फारस नामक देश । होकर ईद के दिन नमाज़ पढ़ने का स्थान। वि० ईरानी-फारस देश वासी, फारस मु०-ईद के चाँद होना-बहुत कम की भाषा फारसी। दिखाई पड़ना या मिलना, और अति ईषणा -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० ईय॑ण ) प्रिय होना।
ईर्षा, डाह ।
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