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प्राकित
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प्राक्षेपक प्रा किन-वि० (अ.) बुद्धिमान । प्राक्रंदन- संज्ञा, पु० ( सं० ) रोना, पाकितखानी-संज्ञा, पु. ( अ० फा० ) चिल्लाना, पुकारना। कालिमा लिये हुए लाल रंग।
श्राक्रप -- संज्ञा, पु० दे० (सं० पराक्रम ) श्राकोर्ण-वि० ( सं० ) व्यास, पूर्ण, प्रताप, शक्ति, बल. चढ़ाई, अतिक्रम, सङ्कीर्ण, समाकुल, सङ्कुल, व्यास, विस्तारित, क्रान्ति । प्लुत ।
अाक्रमण-संज्ञा, पु. ( सं० ) बलात् प्राकंचन-संज्ञा, पु. (सं० ) सिकुड़ना,
सीमा या मर्यादा का उल्लंघन करना, सिमिटना, पाँच प्रकार के कर्मों में से एक
हमला, चदाई, श्राबात पहुँचाने के लिये ( न्याय० ) संकोचन, वक्रता ।
किसी पर झपटना, घेरना छाना मुहाश्राकंचित -वि० (सं०) सिकुड़ा हुआ,
लिरा श्राक्ष प. निंदा. मापना. फैलना । सिमटा हुअा, टेढ़ा, वक तिरछा, कुटिल,
प्राक्रमित-वि० ( स० ) जिस पर आक्रमण बाँका।
किया गया हो। प्राकंठन-संज्ञा, पु. ( सं० ) गुठलाना या
श्राक्रमिता ( नायिका )-संज्ञा, स्त्री०
( स० ) मनपा-वाचा-कर्मणा अपने प्रिय कुंद होना, लज्जा, शर्म।
(मित्र) को वश करने वाली प्रौढ़ा प्राठिन-वि० (सं० ) गुठलाया हुआ,
नायिका। कुंद, लज्जित, अवाक् ।
प्राक्रांत- वि० ( सं० ) जिप पर आक्रमण प्राकुल-वि० (सं० ) व्यग्र, घबराया हुअा, , हो, विरा हुआ, श्रावृत्त, वशीभूत, पराजित. उदिन्न, विह्वल, कातर, व्याल, सङ्कुल, विवश, व्यात, यात्रीर्ण, ग्रस्त । क्षुब्ध, पात, प्रस्त, पाकीर्ण पूर्ण ।
अाक्रीड़-संज्ञा, पु. (सं० ) राजोपवन. श्राकुलता-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) व्याकुलता. राजमहल के समीप का बाग, राज-वाटिया । घबराहट व्याति, कातरता ।
अाक्रीडन --संज्ञा, पु. ( सं० ) मृगया. पाकुलित-वि० (सं० ) घबराया हुआ, . याखेट, शिकार। व्यात, कातर, विह्वल, विकल । | श्राकाश-संज्ञा, पु. ( सं० ) कोसना, प्राकून-संज्ञा, पु. ( सं०) अभिप्राय, शाप देना. गाली देना. श्राक्षेप करना, मतलब, श्राशय ।
क्रोध पूर्वक कटूक्ति कहना।। प्राकृति-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) मनुकी ३ संज्ञा, पु० (सं० ) अाक्राशन-अभिशाप, कन्याओं में से एक जो रुचि नाम के कटूक्ति, भर्सना, अभिम्पात । प्रजापति को व्याही थी, श्राशय, शुभा- आक्रोशित-वि० सं० ) शापित. कृताचरण, उत्साह, सदाचार ।
क्षेप। प्राकृति-संज्ञा, स्त्री० (सं.) बनावट, प्राक्षिप्त--- वि० (सं० ) फेंका हुया, गिराया गढ़न, ढाँचा, मूर्त, श्राकार, रूप मुख, हुमा, दूषित, निदित, कृताप । चेहरा, मुख का भाव, चेष्टा. २२ अक्षरों प्राग-संज्ञा, पु. ( सं० ) फरना, गिराना, का एक वर्णक वृत्त ।
दोषारोपण, अपवाद या इलज़ाम लग ना, श्राकर -वि. ( सं० ) खींचा हुग्रा, वटूक्ति ताना, अंग में कॅप कॅपी होने वाटा श्राकर्षित।
एक प्रकार का बात रोग, ध्वनि, व्यंाय । श्राद-संज्ञा, पु० (सं० ) रोदन, रोना, श्रापक-वि० (सं० ) फेंकने वाला, श्राह्वान, पुकारना, भयंकर युद्ध ।
खींचने वाला, याक्षेप करने वाला, निंदक ।
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