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अंडा सरकना
अंतड़ी मु०-अंडा ढीला होना-नस ढीली नीच" परिणाम, फल, अंतकाल ( उ० होना, थकावट या शिथिलता पाना, द्रव्य- इंतकाल ) मरण, मृत्यु, अन्त समय, हीन होना, दिवालिया होना।
नतीजा, समीप, निकट, बाहर, दूर, प्रलय, अंडा सरकना--हाथ-पैर हिलना, अंग- अन्त पाना-पार पाना, अंत जाननाकंपन, उठना, चेष्टा या प्रयत्न होना, अंडा फल जानना, अंत जाना, दूसरे स्थान सरकाना-हाथ-पैर हिलना (प्रेरणार्थक) जाना । (दे० अन्तै-दूसरी जगह) *ग्रंता उठाना, अंडा सेना-पक्षियों का गर्मी *अन्त्, *अन्ते (अवधी) संज्ञा, पु० (सं० पहुँचाने के लिये अपने अंडों पर बैठा रहना, अंतस ) अंतःकरण, हृदय, जी, मन, जैसे घर में बैठा रहना, बाहर न निकलना, अंडा अन्त या अन्तर की बात जानना, भेद, रहस्य, फूट जाना—भेद खुलना।
गुप्त बात, मन का भाव । संज्ञा, पु० (सं० अंडाकार-वि• यौ० (सं० अंड + श्राकार ) अंत्र ) श्राँत, अँतड़ी। क्रि० वि० अंत में, अंडे की शक्ल, लम्बाई के साथ गोल।। निदान, आख़िरकार, क्रि० वि० (सं० अंडाकृति-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०-अंड+ अन्यत्र हि० अनत) और जगह, दूर, अलग, प्राकृति ) अंडे की शकल, वि०-अंडाकार । पृथक-"अनत निहारे' रा० अंडी-संज्ञा, स्त्री० (सं० एरंड ) रेंडी, रेंड अंतक-संज्ञा, पु. ( सं० ) अंत करने वाला, के फल का बीज, रेंड या एरंड वृक्ष, एक नाश करने वाला, मृत्यु जो प्राणी मात्र के प्रकार का रेशमी वस्त्र।
जीवन का अन्त करता है, मौत, काल, अँडुआ-संज्ञा पु० (दे० ) साँड, नया यमराज, सन्निपात ज्वर का एक भेद या काल बैल, अंडू।
ज्वर, ईश्वर जो सब का संहार या विनाश अँडुआना-क्रि० स० (सं० अंड ) बधिया
करता है, रुद्र, शिव । अन्तकर अंतकरना, बछड़े के अंडकोशों को कुचलना।
कारी-संज्ञा, पु० (सं० ) अंत करने वाला, अंडू-अँडुश्रा बैल-संज्ञा, पु०(दे०) बिना
संहारक, मारनेवाला, अंतकार या अंतकारक, बधियाया, बैल या सांड़, बड़े अंडकोश का मनुष्य, जो न चल सके, सुस्त, आलसी।
मृत्यु, रुद्र। अंडैल-वि (हि० अंडा+ ऐल-प्रत्यय ) अंडे |
अंत-क्रिया-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० अंत+ वाली, जिसके पेट में अंडे हों।
क्रिया ) अंत करने की क्रिया, अन्त्येष्टि कर्म,
मृत्यु के पश्चात् का क्रिया-कर्म, मृतक अंत-संज्ञा, पु० (सं० ) समाप्ति, पाखीर, | पूर्ति, अवसान. इति, पूर्ण काल । वि०
संस्कार, दाहादि कृत्य । अंतिम, अंत्य-शेष या आखीरी भाग,
अंतग-संज्ञा, पु. ( सं० अंत + गम् ) पारपिछला हिस्सा, अंत का। मु०-अंत
गामी, पारंगत, निपुण, पूरा जानकार, करना, मार डालना, समाप्त करना, इति
अंतर्गमन् --- मन की गुप्त बात जानना। श्री करना, अंत होना, ख़तम होना, पूर्ण
अंतगति-संज्ञा, स्त्री० (सं० अंत+गति) यौ०
अन्तर्गति अंतिम दशा, मृत्यु, मरण, मौत । होना, मर जाना। अन्त श्राना-मृत्यु-समय पाना, पूर्ति पर |
अंतघाई --वि० (सं० अंतघाती ) विश्वासपहुँचना।
घाती, दगाबाज़, धोखा देनेवाला। अंत बनना-फल अच्छा होना, जीवनलीला अँतडी-संज्ञा स्त्री. (सं० अंत्र ) आँत, की समाप्ति का अच्छा होना, अंत बिग- मु०-अँतड़ी जलना, कुल-बुलाना, इना-बुरा फल होना ।सीमा, हद. अवधि, सूखना, सिकुड़ना-पेट जलना,बहुत भूख पगकाष्टा, निदान, पाखीर-'अंत नीच को लगना, अँतडी गले में पन्ना-विपत्ति में
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