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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org हज़ारा कितना ही, चाहे जितना अधिक, हजार (दे०) । हज़ारा - वि० ( फा० ) सहस्र दल वाला पुष्प, हजार या अधिक पंखडी वाला फूल । पु० - फौनारा. फुहारा । हज़ारी - संज्ञा, पु० ( फा० ) एक हजार सिपाहियों का सरदार, वर्ण-संकर, दोगला, हजारिया (दे० ) । १८५७ हजुर - पंज्ञा, पु० दे० (अ० हुज़ूर ) किसी बड़े पुरुष की सनिकटता, समता, राजा या हाकिम का दरबार, कचहरी, बहुत बड़े लोगों का संबोधन | हज़री - संज्ञा, पु० दे० अ० हुज़ूर ) नौकर, दास, दरबारी, मुसाहब, राजा का निकटवर्ती अनुचर । वि० -- हुजूर का, सरकारी । हजो- संज्ञा स्त्री० दे० ( अ० हज्व ) निंदा | हज - संज्ञा, पु० दे० ( अ० हज) मक्के जा कर काये के दर्शन करना । हजाम -संज्ञा, पु० (०) नापित, नाई, 1 नाऊ, हजामत बनाने वाला, नउवा (ग्रा० ) । हटक, हरक-संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० हटकना) बारण, वर्जन मुहा०-हटक मानना - रोकने या मना करने पर किसी काम को न करना । गायों के हाँकने की क्रिया या भाव। हट्टी हटना - ० क्रि० दे० (सं० घट्टन ) खिसकना, टलना, सरकना, पीछे सरकना, एक स्थान से दूसरे पर चला जाना, न रह जाना, भागना, जी चुराना, सम्मुख से दूर होना, या चला जाना, दूर होना, टलना, स्थिर याद न रहना, ( बात पर ) । - स० क्रि० दे० ( हि० हटकना ) निषेध या मना करना । स० रूप- हटाना, हटावना, प्रे० रूप -- हटवाना । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हटवा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० हाट ) दूकानदार, बनियाँ बाजार । इटवाई* +- संज्ञा, स्रो० दे० ( हि० + हाट वाई- ई - प्रत्य० ) सौदा ख़रीदना या बेचना, क्रय विक्रय | संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० हटवाना) हटाने की क्रिया, भाव या मज़दूरी । हटवाना - स० क्रि० ( हि० हटाना ) हटाने का कार्य किसी दूसरे से कराना । वि० (दे०) वैय्या | इटवारी - संज्ञा, पु० दे० ( हि० हाट + चारा या वाला - प्रत्य० ) बाज़ार में सौदा बेचने वाला, दूकानदार । हटाना स० क्रि० दे० (हि० हटना ) टालना, खिसकाना, सरकाना, दूर करना, नियत स्थान पर न रहने देना, एक स्थान से दूसरे पर करना, भगाना, जाने देना, आक्रमण से हटकन, हरकन संज्ञा, त्रो० दे० (हि० भगाना । हटकना) वारण, बर्जन, गायों के हाँकने हटिया- संज्ञा स्त्री० दे० (सं० हह ) बाजार, की क्रिया या भाव, चौपायों के हाँकने की छड़ी या लाठी | हटकना, हरकना - स० क्रि० दे० ( हि० हट - दूर करना ) रोकना, निषेध या मना करना, चौपायों को किसी श्रोर जाने से रोक कर दूसरी ओर ले जाना | तुम हटकहु जो चहहु उबारा" - रामा० । मुहा० हरकि वलात्, अकारण । 66 हटता) --संज्ञा, पु० दे० ( हि० हरताल ) हरताल, हड़ताल | संज्ञा, पु० दे० (६ि० हठतार) माला का सूत । To To aro२३३ 16 हाट । गरम कबैलों तोरि हटिया रहैगी यह " - स्फु० । हटौती - संज्ञा, स्त्रो० ( हि० हटाना ) शरीर की गठन | हट्ट -संज्ञा, पु० (सं०) बाज़ार, दूकान | $6 चौहट यौ० - चौहट्ट - चौक बाजार | हाट बाज़ार वीथी चारु पुर बहुविधि बना For Private and Personal Use Only در - राम० । हट्टा-कट्टा - वि० दे० यौ० (सं० हृष्ट + काट) मोटा-ताज़ा, हृष्ट-पुष्ट । स्त्री० - हट्टीकट्टी । हट्टी- संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० हाट ) दूकान, 1
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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