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हकलाना
१८५६
हजार
का धक्का ।
हकलाना-अ० क्रि० दे० ( अनु० हक) हगास-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. हगना +
रुक रुक या अटक अटक कर बोलना। आस - प्रत्य.) मल त्याग की इच्छा, उसका हकसफ़ा- संज्ञा, पु० (अ०) गाँव के हिस्से- वेग। दारों को वहाँ की ज़मींदारी के मोल लेने हचकना-स. क्रि० दे० ( हि० हचका) में औरों से अधिक अधिकार या हक । धाका देकर किसी वस्तु को हिलाना। स० हकीकत--संज्ञा, स्त्री० अ०) असलियत, रूप० हचकाना प्रे० रूप० हचकवाना । सचाई, तत्व, ठीक बात, तथ्य, सत्य बात, हचका-सज्ञा, पु० दे० ( हि० हचकाना ) असली हाल । " जब अपनी न ज़ाहिर | गाड़ो श्रादि के हिलने का धक्का। हकीकत हुई।" मुहा० --हकीकत में हचकोला, हचकोरा--संक्षा, पु० दे० (हि. (दरहकीकत ) वास्तव में, सचमुच। हवका ) खाद, गाड़ी आदि के हिलने डोलने मुहा०-हकीकत खुलना ( का पता | लगना)-~असली बात का पता लगना । हिचना अ० कि० दे० ( हि० हिचकना ) हकीम -- संज्ञा, पु० (अ०) प्राचार्य, विद्वान,
। डरना। वैद्य, चिकित्सक, ( युनानी रीति का)। हचरमचर--सज्ञा, पु० (दे०) हिलन डोलन, "हकीमे सखुन बर जबाँ आफ़री"-- स० । ढीलापन विवाह, पागा पीछा, सोचहकीमी-संज्ञा, स्त्री० ( अ० हकीम + ई
विचार, अटकना । प्रत्य० ) हकीम का पेशा या काम, यूनानी
हचहचाना-अ० क्रि० (दे०) हिलना,
डोलना । चिकित्साशास्त्र ।
हज-सज्ञा, पु० (अ०) मुसलमानों का मक्के हकीयत-संज्ञा, स्त्री० (अ.) वह वस्तु जिस
जाना और काबे के दर्शन करना, हज(दे०) पर अधिकार स्वस्व या हक हो, हरियत
हजः - संज्ञा, पु. (अ०) पेट में भोजन के (दे०)।
पचने की क्रिया या भाव, पाचन । वि.हकीर-वि० (अ०) तुच्छ, नाचीज़, नगण्य ।
पेट में पचा हुआ, अधर्म या अन्याय से अधिहकूमता-सज्ञा, स्त्री० दे० ( ० हुकूमत )
कार किया, अपनाया या लिया हुश्रा। बादशाही, शासन ।
हजरत-सज्ञा, पु० (अ०) महापुरुष, महात्मा, हकाक-संज्ञा, पु० (दे०) नग को काटने,
महाशय, चालाक, खोटा या बुरा मनुष्य सान पर चढ़ाने और जड़ने आदि का काम
( व्यग्य०)। करने वाला, जड़िया।
हजामत-संज्ञा, स्त्री० अ०) बाल बनाने का हक्का-बका-वि० दे० ( अनु० एक, धक) ___ काम, क्षौर, सिर और दाढ़ी के बढ़े हुये और विकल, घबराया हुआ. विस्मित, शचंभित, कटाने या बनवाने-योग्य बाल । मुहा०भौचक । माह-हका-वका रहना (भल हजामत बनाना-दादी या सिर के बाल जाना) विस्मित या विकल हो जाना ।
साफ़ करना या काटना, लूटना, धन छीन हक्कियत-संज्ञा, स्त्री० (दे०) हक्क ।। लेना, मारना-पीटना । उलेट छुरे से हगना--स० क्रि० दे० (सं० भग) भाड़ा या हजामत बनाना (मडना)-बुरी तरह पाखाना फिरना, मल त्याग करना, झखमार किसी को लूटना या धनापहण करना मारना, कर लेना। स० रूप० हगाना ० रू. पोटना। हगवाना।
हजार-वि० (फा०) सहस्र , दस सौ, अनेक, हगनोटी- संज्ञा, स्त्री० (दे०) हगने की भूमि, । बहुत से । संज्ञा, पु. दर सो की गिनती, झाड़े की जगह ।
| या संख्या या अक १०००) । कि० वि०
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