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साग
पेपर (अं० ) । “काँसोख़त रा जाँदो आवाज़ नयामद" - सादी० ।
सोग - संज्ञा, पु० दे० (सं० शोक) शोक, दुख, खेद, पछतावा |
सोगिनी - वि० दे० (हि० जोग) शोकाकुल, शोकार्ता, शोक करने वाली दुखिया । सोगी - वि० दे० (सं० शांक) शोकाकुल, दुखित शोक करने वाला | सी० - सांगिनी । सोच - पज्ञा, पु० दे० (सं० शोच) संताप, शोच, शोक, पश्चाताप, खेद या दुख, चिता, खिन्नता, फिक, रंज सोचने का भाव । "तजहु सोच मन श्रानहु धीरा " - रामा० । सोचना - ० क्रि० दे० (सं० शोचन ) मन में किसी विषय पर विचार करना, ध्यान करना, चिंता या फ़िक्र करना, पछताना, खेद या दुख करना । स० रूप - सोचाना, प्रे० रू - सोचवाना । यौ० -- सोचना-विचारना, सोचना-समझना । 'तनु धीर सोच लागु जनु सोचन" - रामा० । सोचविचार - संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि०) समझबूझ, ध्यान, सोच, समझ । “सोचविचार कीन्ह विधि नाना" - स्फु० । सोचाना -- स० क्रि० दे० ( हि० सुचाना ) सोचावना, सुचाना, सोबवाना । सोचु, सोचू - संज्ञा, पु० दे० (सं० शोच) खेद, शोक, सोच, पछतावा । फिर न सो त रहै कि जाऊ २-- रामा० । सोज - संज्ञा, त्रो० दे० (हि० सूजना) शोथ, सूजन | संज्ञा, खो० दे० (सं० शय्या) शय्या, पलंग, खाट, सीज ( प्रान्ती०) | सोज़न - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) पुडे, सूई, सूची । " सोजनारिफ़ता व हिंदी सुई-ताग मी० खु० । "कहि हित सुमनन तोरि हैं, छेदत सोज़न जात - रतन० । सोज़िश -- संज्ञा, खो० (फ़ा० ) शोथ, सूज़न । सोझ सोझा - वि० दे० (सं० सम्मुख ) सम्मुख की ओर गया हुआ, सीधा, सरल । स्त्री० सेो ।
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सोटा - संज्ञा, पु० दे० (हि० सुभटा) सुटा
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साधना
(दे०), शुक, तोतरा, सुग्गा, सुआ, सुगना, सोंटा, डंडा !
सोढर - वि० (दे०) सोढ (दे०) वे समझ, बेवकूफ़, मूर्ख, भोंदू । सांत साता-संज्ञा, पु० दे० (सं० स्रोतस् ) निर्भर, झरना, निरंतर प्रवाहित जल-प्रवाह की पतली धारा, 'घरमा (का० ) | सांति--संज्ञा, स्त्री० दे० ( ० स्रोत ) धारा, स्रोत, झरना, सोता | संज्ञा, स्त्री० दे० (स० स्वाति ) स्वाति नक्षत्र | संज्ञा, पु० दे० (सं० श्रात्रिय) श्रोत्रिय, वेदपाठी, सोतिय (दे० ) । सोनिय - प्रज्ञा, पु० दे० (सं० स्रोत) सोता । सोती -सज्ञा, स्री० द० (सं० स्त्राति) स्वाति,
नक्षत्र संज्ञा स्त्री० दे० (सं० स्रोत ) सोता, झरना । अ० क्रि० सा० भू० स्त्री० ( हि० सोना ) | सादर - खज्ञा, पु० (सं०) सहोदर भ्राता, सगा भाई । त्री० – बोदरा, सोदरी । वि०- एक ही माँ के पेट से उत्पन्न । त्वं सोदरस्याऽतिमदोद्वतस्य " भट्टी० । सोदरा-सांदरी - संज्ञा, स्रो० बहन, सहोदरा ।
(सं०) सगी
सांची - सज्ञा, ५० दे० (सं० शोध) खोज, पता, ख़बर, टोह | सूर महिं पहुँचाइ मधुपुरी बहुरौ सोध न लीन्हा सूर० । सुधि, याद, होश, " यानन्द मगन भये सब डोलत कछू न सोध शरीर " -- सूर० । सुधारना. संशोधन चुकता या अदा होना। सज्ञा, पु० दे० ( ० सोध ) प्रासाद महल | सोवन संज्ञा, पु० दे० सं० शोधन ; खोज, तलाश, दूद, संशोधन, सुधार | वि०सोधनीय, साधित । (सं० शोधन ) शुद्ध साधनाया ठीक करना, साफ़ करना, सुधारना, दोष मिटाना, कटिं या भूल-चूक ठीक करना, निर्णय करना, सुधारना, जाँचना खोजना, ढूँदना, तलाश करना, निश्चित करना । "रे रे दुष्ट बहुत तोहि सोधा " - रामा० । सही या दुरुस्त करना, ऋण चुकाना या
- स० क्रि० दे०
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