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सैथी
१८२१
सैरंध्री
सैथी --संज्ञा, स्त्री. ६० (सं० शक्ति बरछी। । सैनिकता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) सेना या मैदा-संज्ञा, पु० दे० (अ० सैयद) सैयद, सैनिक का कार्या, लड़ाई, युद्ध, सैनिकत्व । मुसलमानों की एक जाति, अमीर। सैनिका- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० श्येनिका) सैद्धांतिक-संज्ञा, पु० (सं०) सिद्धांत का।
एक छंद पि०)। ज्ञाता, विद्वान, पंडित, तांत्रिक । वि० सैनियाना-स० क्रि० (दे०) सैन या संकेत सिद्धांत-संबंधी, तत्व-विषयक।
करना, आँख से इशारा करना। मैन--संज्ञा, स्त्री. द.० (सं० संज्ञएन) संकेत,
सैनी- संज्ञा, पु० दे० (सं० सेनाभक्त) नाई, इंगित. चिन्ह, इशारा निशान । “सैनहिं !
हज्जाम । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० सेना) सेना, रघुपति लखन निवारे"-- रामा० * संज्ञा,
फौज, कटक, दल । संज्ञा, स्त्री० (दे०) श्रेणी पु० द० (सं० शयन) शयन, मोना । सज्ञा,
(सं०) कतार, सेनी (दे०), श्रेणी, पंक्ति । पु० दे० (सं० श्येन) श्येन, बाज पती *
" जनु त बरस कमल सित सैनी"
रामा०। संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० सेना) सेना, कटक, फौज | " समधि सैन चतुरंग सुहाई "---
सैन-संज्ञा, पु० (दे०) बेल बूटेदार नैनु कपड़ा। रामा० . संज्ञा. पु. (दे०) एक तरह का
मैनेय --- वे० ( सं० सेना ) लड़ने-योग्य । बंगला।
सैनेश-सैनेल - संज्ञा,पु० दे० यौ० (सं० सेनेश,
सैन्येश) सेनापति, सेना-नायक । सैननाथ-सैनपति-संज्ञा, पु० दे० यौ०
| सैन्य-संज्ञा, पु० (सं०) कटक. सेना, फ़ौज, (सं० सेनापति ) सेनापति, मेना-नापक, सैनाधिपति, मैनर, सैन नायक (दे०)।
सिपाही, सैनिक, छावनी, शिविर । वि० -
/ सेना का, पैन्य-सबंधी। सैनभोग-संज्ञा, पु० दे० यौ० (से. शायन ।
सैफ-संज्ञा स्त्री० (अ०) तलवार । भोग) रात्रि के समय का नैवेद्य, मंदिरों में
मही- वि. ( अ० सैफ ) टेदा. तिरछा । देव मूर्ति पर चढ़ाने का नैवेद्य (भोजन) और सैनिक -- संज्ञा, पु० (सं०) सेंदुर, सिंदूर । शयन ।
सैयद - संज्ञा, पु० (अ०) मुहम्मद साहिब के सैना--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० सेना) सेना, नाती हुसैन के वंश के लोग, मुसलमानों कटक, दल | "चली भालु-कपि-मैना भारी" की ४ जालियों में से एक ऊँची जाति, रामा० । संज्ञा, पु० दे० सं० संज्ञपन) सैन, सैय्यद। इशारा, संकेत । " ये नैना सैना करें, उरज | मैयाँ* ---ज्ञा, पु० दे० (सं० स्वामी ) उमैठे जाहि"-रही।
स्वामी, साई, मालिक, पति,मइयाँ, साइयाँ मैनाविप, मैनाधिपत्रि---पंज्ञा, पु० दे० यौ० (दे०)। (सं० मेनापति) सैनापति. सेनानायक। मैया -- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० शय्या ) शय्या, मैनापत्य - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सेनापति । पलँग । “ हौंही जमवैया ो धरैया निज का कार्य या पद, सेनापतित्व । वि० सेनाः | सैया तरे"-दूल्हा० । पति-संबंधी।
| सैरंध्र -- संज्ञ', पु. (सं०) घर का दास या सैना-सैनी - वि० (दे०) इशारे से बात नौकर, एक वर्ण-संकर-जाति । स्त्री०करना।
| सैरंध्री। मैनिक --- संज्ञा, पु० (सं०) सिपाही, सेना का सैरंध्री-संक्षा, स्त्री. (सं.) अन्तः पुर की तिलंगा, संतरी, फौजो आदमी । वि० सेना- दासी या नौकरनी, सैरंध्र जाति की स्त्री, संबंधी, सेना का।
द्रौपदी।
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