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IITIOUSLATARRABOD
पति ।
सेनाजीवी
१८१७
सेराना, सिराना पूर्वक व्यवहार करना, लगातार निवास सेनिका--- संज्ञा, स्त्री० दे. ( सं० श्येनिका ) करना, लिये बैठे रहना, कभी न छोड़ना, मादा वाज', एक छंद (पिं० )। मादा चिड़िया का गर्मी पहुँचाने को अंडों सेनी-सा, स्नो० दे० ( फ़ा० सोनी ) सीनी, पर बैठना।
बड़ी तश्तरी । *---संज्ञा, स्त्रो० दे० (सं० सेनाजीवा-संज्ञा, 'पु० ( सं० सेना जीविन् ) | श्यनी ) मादा बान । * --संज्ञा, स्त्री० दे० सिपाही, सैनिक, योद्धा, वीर ।
(सं० श्रेणी ) श्रेणी, कतार, पंक्ति, जीना, सेनादार ---संज्ञा, पु. दे० ( सं० सेना । दार- सीढ़ी । पक्षा, पु०-सहदेव का अज्ञात-वास फ़ा० प्रत्य० ) सेनापति, सेनाध्यक्ष, सेना
में नाम । नायक।
सेव--संज्ञा. पु० (फा०) नाशपाती की जाति मेनाधिप-सेनाधीश---संज्ञा, पु० (सं०) का एक छोटा पेड़ और उसका स्वादिष्ट सेना-पति, सेना-नायक ।
फल ( एक मेवा ) । " सेब समरकंदी भी सेनाध्यत्त-मेनाधीश्वर--संज्ञा, पु० यौ० | (सं० सेना पति, मेनय।
सेम-संज्ञा स्त्री० दे० (सं० शिंवा ) एक सेना-नायक-सज्ञा, पु० यौ० (सं०) सेना
फली जिपकी तरकारी बनती है।
सेमई *--संज्ञा, खी० दे० ( सं० सेविका ) सेनानी---संज्ञा, पु० सं०) सेना-पति, काति-संबई (दे०) गेहूँ के मैदे से बने बारीक तारों केय, षडानन, एक रुद्र ।
के लच्छे जो दूध में पका कर खाये जाते हैं। सेनापति-सेनाधिपति- संज्ञा, पु. यौ० मेमर-लेमा--- संज्ञा, पु० दे० (सं० शाल्मली) (सं०) सेनाध्यक्ष, सेना-नायक, मेनप, मना लाल फूलो' और रुई सी चीज़ दार फलों धिप।
वाला एक बड़ा पेड़ । " सेमर सुनना सेनापत्य -- सज्ञा, पु० (सं०) सेनापति का सेइयो, लखि फूलन को रूप"-स्फु० । पद. अधिकार या कार्य ।
सेर-संज्ञा, पु० दे० (सं० सेत ) सोलह सेनापाल-सेनापालक-संज्ञा, पु. (सं.) छटाक या अस्पी रुपये भर की तौल । सेना-रक्षक. सेना पति, सेनाध्यक्ष ।
" सेर भर मर्द सवा सेर वर्ध"-स्फु० । सेनामुख-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) सेना का संज्ञा, पु. ३० ( फा० शेर ) व्याघ्र, बाव, अग्रभाग, फ़ौज के आगे का हिस्सा, हरावुल, फ़ारसी का छंद, शेर । वि० (फ़ा०) अधाना, सफ़र मैना, ३ या ६ हाथी, ३ या ६ रथ, तृप्त । "सेर अधाना, कोर काना भेद राज़" १ या २१ घोड़े. और १५ या ४५ पैदल -मी. खु.। वाला सेना का एक नाग।
| लेरसाहि-संज्ञा, पु० दे० यौ० (फा० शेरशाह) सेनावास-संज्ञा, पु. यो. (सं०) छावनी.
दिल्ली का एक बादशाह, शेरशाह । " सेरपड़ाव, मिविर, डेरा,खीमा, सेना के रहने का साहि दिल्ली सुलतान ''-पद० । स्थान ।
सेरा-संज्ञा, पु० दे० ( हि० सिर ) पलँग में सेनाव्यह-संज्ञा, पु. यो० (सं०) सैन्य- सिर की अोर की पट्टी, सिरवा, सेरवा विन्यामे, सेना की नियुक्ति या स्थापना, (दे०) । संज्ञा, पु० दे० ( फा० सेराब ) पानी भिन्न भिन्न स्थानों पर सेना के विविधांगों | से तर ज़मीन, सिंची भूमि ।। की व्यवस्था।
सेराना-सिगना*-अ. क्रि० दे० (सं० सेनि* -- संज्ञा, स्त्री० ६० ( सं० श्रेगी ) श्रेणी, शीतल ) सिरावना (दे०) शीतल या ठंढा पंक्ति, सेनी । “जनु तहँ बरस कमल सित- होना, तुष्ट या तृप्त होना, समाप्त होना, सेनी"-रामा० ।
। बीतना, मर जाना, तै होना, चुकना, भूलना। भा० श. को०-२२८
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