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सूक १८०७
सूचना सूजी, मुई, सूची, अन्नादि का अंखुपा, बुद्धि जिससे गूढ़ और कठिन बातें या विषय किसी बात का सूचक काँटा या तार। भी शीध समझ लिये जावें । संज्ञा, पु. (सं०) सुका-संज्ञा, पु० दे० (सं० शुक) तोता। सहमदशी। संज्ञा, पु० दे० सं० शुक्र शुक्र तारा,मकवा। सूचमशरीर- संज्ञा, पु. यौ० (सं०) पाँच सूकना-- अ० कि० दे० (हि. सूखना ) प्राण, पाँच ज्ञानेंद्रियाँ, पाँच सूक्ष्मभूत, मन सूखना, शुष्क हो जाना।
और बुद्धि का समूह । सूकर-संज्ञा, पु० (सं०) शूकर, सुपर ।
सूखा-वि० दे० (हि० सूखा) सूखा । सूकरक्षेत्र - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) एक प्राचीन
सूबछड़ा-संज्ञा, स्त्री. (दे०) यी रोग,
यचमारीग। तीर्थ, ( मथुरा प्रांत ) सोरौं, सूकरखेत
सूखना--अ० क्रि० दे० (सं० शुष्क) किसी (दे०) । "मैं पुनि निज गुरु मन सुनी, कथा
पदार्थ से नमी या तरी का निकल जाना, सु सूकर खेत"- रामा० !
श्रार्द्रता या गीलापन न रहना, रस-हीन सूकरी---संज्ञा, स्त्री० (सं०) सूअर की मादा।।
हो जाना, पानी का नाश या कम हो जाना, सूका--संज्ञा, पु० दे० (सं० सपदिक) चवन्नी, चार पाने का रिका।
झुराना (ग्रा०) उदास या मलिन होना,
तेज या कांति का नष्ट हो जाना, डरना, सूक्त-संज्ञा, पु० (सं०) वेद-मंत्रों का समूह, श्रेष्ठ कथन | वि० भले प्रकार कहा हुश्रा,
सन्न होना, कृश या दुर्बल होना, नष्ट होना । सुकथित ।
स० रूप----सुखाना, प्रे० रूप-मुखवाना। सूक्ति-संज्ञा, स्त्री० (सं०) श्रेष्ठ उक्ति या सूखा--- वि० दे० (सं० शुष्क) शुष्क, जिसकी कथन, सुन्दर पद चा वाक्यादि ।
नमी, तगी या पानी नष्ट हो गया हो या सूच्छप-वि० संज्ञा, पु. द० (सं० सूक्ष्म) जाता रहा हो, कोरा, उदाल, कांति-हीन, सुच्छम, सूक्ष्म, सूछम (दे०), छुच्छम
कठोर, कड़ा, कर, हृदय हीन, नीरस, निर्दय, ग्रा०)।
निरा, कोरा, केवल । स्रो०-सूखी। मुहा० सूक्ष्म-वि० (सं०) अति लघु, छोटा, महीन -सूखा. (कोरा) जवाब देना--- साफ
या बारीक, संक्षिप्त । संज्ञा, स्त्री०- साफ नाहीं कर देना, साफ इनकार करना। सूक्ष्मता। संज्ञा, पु०- परब्रह्म, परमाणु, संज्ञा, पु. (दे०) तम्बाकू का सूखा पत्ता, लिंग शरीर, एक अलंकार जहाँ सूचम चेष्टा अनावृष्टि, पानीन बरसना, जल-हीन स्थान, से चित्त वृत्ति के दिखाने या लक्षित करने नदी-तट, एक खाँसी, हब्बा-इब्बा रोग, का कथन हो"--(अ० पी०)।
लड़कों का एक रोग, सुखंडी। सूक्ष्मता-संज्ञा,स्त्री० (सं०) सूक्ष्मत्व, बारीकी, सूघर* - वि० दे० (हि० सुघड़) सघर (दे०) महीनपन, स्वल्पता अणुता । क्रि० वि० -- सुन्दर, मनोहर, मनोरम। सक्ष्मतः, सक्ष्मतया ।।
सूचक - वे० (सं०) बताने या सूचना देने सूक्ष्मदर्शकयंत्र-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) खुर्द- वाला, बोधक, ज्ञापक । स्त्री०- सचिका। वीन जिससे छोटे पदार्थ बड़े देख पड़ते हैं। "प्रभु-प्रभाव-सूचक मृदु बानी"--रामा० । सूक्ष्मदर्शिता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) कठिन या संज्ञा, पु० - सूची. सुई, दर्जी, सीने वाला. बारीक बातों के सोने या समझने का गुण। कुत्ता, सूचधार, नाटककार । सूदनदर्शी-वि० (० सूक्ष्मदर्शिन् ) कठिन, सूचना-पज्ञा, स्त्री० (सं०) विज्ञप्ति, विज्ञा. गूद या बारीक बातों का समझने वाला. पन, इश्तहार किसी को बताने, सावधान तीब बुद्धि ।
करने या जताने की बात, किसी को सूचित सूक्ष्मदृष्टि-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( स०) ऐसी की जाने वाली बात का कागज़ या पत्र,
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