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सुपेदी १७६१
सुबू सुपेदी*-संज्ञा, स्त्री० दे० ( फ़ा० सफेदी) देश का राजा शकुनि का बाप । वि.-प्रति उज्वलता, सफेदी, कलई, चूना, सफेद वली, अति दृढ़, बलवान । रजाई या तोषक, विछौना।
मुबस-अव्य दे० (सं० स्ववश ) स्वाधीन, सुपेली-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० सूप ) छोटा स्वतंत्र, स्वच्छंद । “कीन्हे सुबस सकल नर
नारी"-रामा० । वि० भली भाँति बला सुन-वि० (सं०) सोता या सोया हुआ, हुधा। निद्रित, बंद, ठिठुरा हुमा, मुँदा हुआ। सुबह-संज्ञा, पु. (म.) प्रात, प्रभात, यो०-सुप्तावस्था।
सबेरा, प्रातःकाल । सुप्ति-संज्ञा, स्त्री. (सं०) मनुष्य की चार सुबहान-संज्ञा', पु. (अ.) पवित्र भगवान, दशाओं में से एक दशा, नींद, निद्रा, निदोष या नि कलंक, परमेश्वर । उधाई।
सुवहान-अल्ला -अव्य. यौ० (अ.) सुप्रज्ञ-वि० (सं०) प्रत्यंत ज्ञानी या बुद्धि- परमेश्वर पवित्र है, हर्ष या पाश्चर्य मान।
सूचक पद, सुभानअल्ला (दे०)। सुप्रतिष्ठ-वि० (सं०) अत्यंत प्रतिष्ठा वाला,
सुबास-संज्ञा, स्त्री० (सं० सु + वास) सुगंध, प्रति प्रसिद्ध या विख्यात ।
सुरभि, अच्छी महक ! संज्ञा, पु० --- अच्छा सुप्रतिष्ठा-पदा, स्त्री० (सं०) प्रसिद्धि, नाम
निवास, अच्छा वस्त्र, एक प्रकार का धान ।
वि०-सुबास्ति वरी, शोहरत, ख्याति, ५ वर्णों का एक
। वार्णिक छंद (पि०)।
सुबासना-संज्ञा, पु० स्रो० दे० (सं० सुन
वास ) सुगंध, खुशबू, सुन्दर वासना या सुप्रतिष्ठित-वि० (सं०) सम्मानित, विशेष
इच्छा । स० कि० (दे०)-सुगंधित करना, माननीय, सम्मान्य, बड़ाई या प्रतिष्ठा के
महकाना। योग्य प्रति बड़ाई वाला।
सुबासिक, सुबासित-वि० (सं०) सुगंसुप्रसिद्धि -वि. (सं०) अति विख्यात, बहुत
धित, सोरभित, सुगंधि सं बसाया हुश्रा : नामी, बहुत प्रसिद्ध, मशहूर । संज्ञा, स्त्रो०.
मुवाहु-संज्ञा, पु. (सं०) एक राक्षस जो (सं०) सुप्रसिद्धि ।
मारीच का भाई था। "पावक-सर सुबाह सुप्रिया-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक चौपाई
पुनि मारा'-रामा० । मृतराष्ट्र का पुत्र जिसके अंत के एक या दो वर्ण तो गुरु शेष | और चेदि देश का राजा ( महा० ) सेना, सब लघु होते हैं (पिं०) । संज्ञा, स्त्री० (सं०)
कटक । वि०-दृढ़ या सुन्दर हाथों या अति प्रिया या प्रेमिका, प्रेयसी, प्रियतमा ।
बाहुओं वाला। पु०-सुप्रिय।
सुबिस्ता, सुबीता-संज्ञा, पु० दे० ( हि०मुफल-संज्ञा, पु० (सं०) सुन्दर परिणाम, सुभीता) सुभीता, समाई, सामर्थ्य ।
अच्छा फल या नतीजा। वि० सुन्दर फल-सुबुक-वि० (फा०) हलका, सुन्दर । संज्ञा, वाला ( वृक्ष, अस्त्र ) सफल, कृतार्थ, कृत- पु०-घोड़े की एक जाति । कार्य । संज्ञा, स्त्री० (सं०) सुफलता। | सुबुद्धि-वि० (सं०) सुधी, ज्ञानी, धीमान, सुवरन-संज्ञा, पु० दे० (सं० सुवर्ण), बुद्धिमान, अच्छी बुद्धि वाला । संज्ञा, स्त्रो. सोना, सुबर्न (दे०)। "सुबरन को खोजत (सं०) उत्तम बुनि ।। फिरें, कवि विभिचारी चोर"-स्फुट। सुबू-संज्ञा, पु० दे० (अ० सुबह ) प्रातः सुबल-संज्ञा, पु. (स०) शिवजी, गंधार काल, सबेरा, तड़का।
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