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सुतीची १७८६
सुद्धि सुतीछी-संज्ञा, स्रो० (दे०) अति पैनी या सुदावन-संज्ञा, पु० द० (सं० सुदामा ) चोखी, धारदार, सुतीखी।
सुदामा, कृष्ण मित्र । सुतुही-संज्ञा, स्त्री० दे० (७० शुक्ति) सुदास-संज्ञा, पु० (सं०) प्रसिद्ध वैद्य राजा छोटी शुक्ति, सूती, सीपी।
दिवोदास के पुत्र, एक जनपद (प्राचीन)। सुतून-संज्ञा, पु. (फ़ा०) स्तंभ, खंभा। सुदि-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० सुदी) सुदी। सुत्ता-वि० (दे०) सोया हुआ।
सुदिन-संज्ञा, पु. दे० (सं०+दिन ) सुत्रामा-संज्ञा, पु. ( सं० सुत्रामन् ) इन्द्र । शुभ या अच्छा दिन। “सुदिन, सुअवसर सुथना, सूथना-संज्ञा, पु. (दे०) सूचन, तबहिं जब, राम होहिं जुबराज"- रामा० पायजामा, सुत्थन (ग्रा०)।
सुदी-संज्ञा, स्त्री. द. ( सं० शुद्ध या शुक्ल) सुथनी, सूथनी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) स्त्रियों किसी महीने का शुक्ल पक्ष, उजेला पाख ।
का एक ढीला पायजामा, रताल, पिंडालू। सुदीपति* --संज्ञा, सं० दे० (सं० सुदीप्ति ) सुथरा-वि० दे० (सं० स्वच्छ ) निर्मल, | सुदीप्ति, अधिक उजेला या प्रकाश । यौ० साफ़, स्वच्छ । स्त्री०-सुथरी । यौ०- (हि. सुदी+ पति सं० ) चंद्रमा। साफ़-सुथरा।
सुदूर-वि० (सं०) अति दूर। सुथराई-एंज्ञा, स्त्री० दे० (हि. सुथरा) सुदृढ़-वि० (सं०) अति दृढ़, बहुत मजबूत सुथरापन, स्वच्छता, सफाई।
या पक्का । संज्ञा, स्त्री--सुदृढता। सुथरापन-संज्ञा, पु० दे० (हि. सुथरा+ | सुदृश्य-वि० (सं०) सुन्दर, मनोज्ञ, दर्शपन-प्रत्य.) सफाई, निर्मलता, स्वच्छता, नीय, देखने योग्य, मनोहर, उत्तम, अच्छा। सुथराई।
सुदेव-संज्ञा, पु० (सं०) देवता।। सुथरेशाही-संज्ञा, पु. ( हि० पुथरा+ शाह सुदेश-संज्ञा, पु. (सं०) सुन्दर या उत्तम
=महात्मा) गुरु नानक के शिष्य', सुथराशाह | देश, उपयुक्त स्थान, यथा-योग्य ठौर । का सप्रदाय, इस शाह के अनुयायी, सुथरे- वि०- सुन्दर, मनोहर । “भूषण सकल साई ।
सुदेश सुहाये"-रामा०।। सुदती-वि० (सं०) सुदर दाँतों वाली स्त्री, सुदस-सज्ञा, पु० दे० (सं० सुद्देश ) सुदेश। सुदंती।
सुदेह - वि० (सं०) सुन्दर, मनोहर, कमसुदर्शन-संज्ञा, पु. (सं०) विष्णु का चक्र, नीय । संज्ञा, पु. (सं०) सुन्दर शरीर । सुमेरु, शिव, सुदरसन (दे०)। वि०- | सुद्दा (सुद्दी)-संज्ञा, पु० (स्रो०) दे० ( म० देखने में सुन्दर, मनोहर, मनोरम, रुचिर।। सुदः ) पेट में जमा सूखा मल । यौ०-सुदर्शन-चूर्ण--सर्व ज्वर-नाशक | सुद्ध*- वि० दे० ( सं० शुद्ध ) शुद्ध, साफ, एक प्रसिद्ध औषधि या चूर्ण या अर्क सही, ठीक, पवित्र, निर्दोष, निष्कलंक । (वैद्य०)।
संज्ञा, स्त्री०-सुद्धता। सुदरसन--संज्ञा, पु० दे० (सं० सुदर्शन) सुद्धा-अध्य० दे० (स० सह) समेत, युक्त, विष्णु का चक्र, समेरु, शिव ।
सहित। सुदामा-संज्ञा, पु. ( सं० सुदामन ) श्रीकृष्ण सुद्धि-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० शुद्धि) शुद्धि, जी के मित्र, एक दरिद्र ब्राह्मण जिन्हें उन्होंने पवित्रता, स्वच्छता । संज्ञा, स्रो० दे० (हि. ऐश्वर्यशाली बना दिया था । " द्वार सधि ) स्मरण, स्मृति, याद, ख्याल, ध्यान । खदो द्विज दुर्बल एक ''बतावत प्रापनो नाम | "होनहार हिरदै बस, बिसरि जाय सब सुदामा"-सु००।
सुद्धि"-नीति०।
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