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सिन
सिल्हक
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पत्थर, अस्तुरा आदि पैना करने की पतली सिट - संज्ञा, स्त्रो० दे० ( फ़ा० शिस्त ) वंखी
पटिया |
डोरी । - वि० दे० ( सं० शिष्ट ) शिष्ट, श्रेष्ठ, ज्ञानी, योग्य | संज्ञा, स्त्री० (दे० ) सिटता ।
सिसकना - ० क्रि० ( अनु० ) रोने में रुक रुक कर साँस लेना, भीतर ही भीतर रोना, फूट फूट कर न रोना, घबराना, तरसना, मृत्यु के निकट उलटी साँस लेना, दिल धड़कना ।
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सिल्हक - संज्ञा, पु० (सं०) सिलारस । सिव - संज्ञा, पु० दे० (सं० शिव ) शिव, शंकर, शिवा जी । स्त्री० - सिवा । सिवई - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० समिता ) सेमँई (दे०) गेहूँ के गुँधे आटे या मैदा के सूत जैसे तार जिनके सूखे लच्छे दूध में पका कर चिनी के साथ खाये जाते हैं, सिवैयाँ, सेवई ( ग्रा० ) । सिवता-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शिवता ) शिवता, शिवत्व ।
सिवा - संज्ञा स्त्री० दे० ( [सं० शिवा ) शिव, पार्वती, दुर्गा जी । अव्य० ( अ० ) अलावा, अतिरिक्त, सिवाय (दे० ) । वि० – अधिक,
ज्यादा, स्फुट, फालतू । सिवाइ -- अत्र्य दे० ( ० सिवा ) अतिरिक्त,
अलावा, अधिक, सेवाय (दे० ) । सिवाई -संज्ञा, स्त्री० (दे०) एक तरह की मिट्टी, सिलाई, ( दे० सिवाना ) | सिवान - सिवाना – संज्ञा, पु० दे० (सं०
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सीमांत ) सीमांत, सीमा, हद । सिवाय - क्रि० वि० दे० ( अ० सिवा ) बाद देकर, अतिरिक्त, अलावा छोड़ कर । वि० अधिक, ज्यादा, स्फुट, ऊपरी । सिवार सिवाल - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शैवाल ) हरे रंग का लच्छे के रूप में बड़े वालों की सी जल की काई या घास, सेवार (ग्रा० ) ।
सिवाला - संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं०
शिवालय ) शिवालय, शिव मंदिर | सिविका - संज्ञा, स्रो० दे० (सं० शिबिका ) पालकी । "सिविका सुभग सुखासन जाना "
- रामा० ।
सिविर - संज्ञा, पु० दे० (सं० शिविर ) शिविर, सेना का पड़ाव, तंबू, डेरा । सिष, सिष्य - संज्ञा, पु० दे० ( सं० शिष्य ) शिष्य, चेला, नानक पंथी, सिक्ख (दे० )
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सिसकारना - अ० क्रि० ( अनु० सी सी + करना ) मुँह से सीटी सा शब्द निकालना, श्रति पीड़ा या हर्प के कारण मुँह से सशब्द साँस खींचना, सीत्कार करना, सुस
कारना ।
सिसकारी-संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० सिसकारना ) सिसकाने का शब्द, सीटी का साशब्द, पीड़ा और हर्ष से मुँह से सी सी का शब्द, सीत्कार ।
सिसकी - संज्ञा, त्रो० (अनु०) व्यक्त रूप से न रोने का शब्द, सीत्कार, सिसकारी । सिसिर - संज्ञा, पु० दे० (सं० शिशिर ) एक ऋतु ( माघ फागुन ) जाड़ा । सिसी- संज्ञा, स्त्री० ( ० ) शीशी ।
सिमु - संज्ञा, पु० दे० (सं० शिशु ) शिशु, बच्चा । सिसुसम प्रीति न जाय बखानी '
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- रामा० ।
सिसुता - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शिशुता ) शिशुता, शिशुत्व, बचपन । सिधुत्व-संज्ञा, पु० दे० (सं० शिशुख ) शिशुस्व, शिशुता । सिसोदिया- सिसौदिया -संज्ञा, पु० दे० ( हि० सीसौ - सिर भी + दिया या सिसोदएक स्थान ) गुहलौत राजपूतों की एक शाखा । " वातें भये सिसोदिया, सीसी दीन्हो चढ़ाय - स्फु० ।
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सिन - संज्ञा, पु० दे० (सं० शिश्न ) पुरुष की मूनेंद्रिय | लो० - वैश्यः शिश्न वत्सदा
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