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सहाय १७३२
सहृदय सहाय-संज्ञा, पु. (सं०) सहायता, मदद -रामा० । वि. ( सं००--सह --हित=
सहारा, श्राश्रय, भरोसा, सहायक, मददगार। हितेनसहितं ) हित के साथ । सहायक-वि० (सं०) सहायता या मदद सहिथी -- संज्ञा, स्त्री० (दे०) बरछी । करने वाला, मददगार, छोटी नदी जो किसी सहिदान* -- संज्ञा, पु० दे० ( सं० सजान ) बड़ी नदी में गिरे, अधीन रहकर काम में चिह्न, पहिचान, निशानी। स्त्री० महिदानी। सहायता करने वाला । स्त्री०-सहायिका। सहिदानी -- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. सहिदान सहायता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) साहाय्य, मदद का स्रो०) निशानी, समता, उपमा, करना, किसी के कार्य को श्रागे बढ़ाने के पहिचान, चिह्न । “ दीन्ह राम तुम कह लिये दिया गया धन, मदद किसी के । सहिदानी"-- रामा० ! किसी कार्य में शारीरिक, आर्थिक आदि सहिय-सहिया-संज्ञा.. पु० दे० (सं० योग देना।
सहायक ) सहाय, मददगार, श्राश्रय, सहायी, सहाई-संज्ञा, पु० दे० (सं० भरोसा, संग, साथ, समेत । सा० भु० स० सहाय+ ई-प्रत्य० ) मदहगार, सहायक, क्रि० दे० ( हि० सहना) सहना, बर्दाश्त मदद, सहायता।
करना । " कहँ लगि सहिय रहिय मन सहार--संज्ञा, पु० दे० ( हि० सहना ) सहन- मारे".-रामा० । शोलता, बर्दाश्त, सहना ।
सहि - वि० (सं०) रहने वाला, बर्दाश्त सहारना -स. क्रि० दे० (F० सहन या | करने वाला, सहनशील । हि० सहारा ) सहन या बर्दाश्त करना, महिपाना-पंज्ञा, सो० (सं०) सहनअपने सिर पर भार लेना, सहना।
शीलता। सहारा-संज्ञा, पु० दे० (सं० सहाय ) | सही--वि० दे० ( अ० सहीह ) ठीक, शुद्ध, सहायता, मदद, पासरा, श्राश्रय, भरोसा. . यथार्थ, प्रमाणिक, सत्य । " परसत-पद इतमीनान ।
पावन शोक नयावन प्रगट भई तप-पुज सहालग-संज्ञा, पु० दे० ( सं० साहित्य) सही"--रामा० । १० क्रि० दे० (हि. व्याह-शादी की मुहूत्तों के दिन, व्याह-शादी। सहना ) सहे। मुहा० --सही भरनाकी लग्नों के महीने, सहारग (दे०)। मान लेना । दस्तखत, हस्ताक्षर ।। सहावल--संज्ञा, पु० (दे०) लोहे इत्यादि का सही-सलामत-वि० (अ.) यकुशल. लटकन जिससे दीवाल की बरारी जाँची क्षेम-कुशल, भला-चंगा, आरोग्य, तंदुरुस्त, जाती है, साहुल, नहर विभाग का एक दोष, या न्यूनता से रहित । संज्ञा, स्त्री० कर्मचारी।
यौ० (हि०) सही-सलामती से।। सहिजन-संज्ञा, पु० दे० ( सं० शोभांजन ) सहुँ, सौं, सऊँ, सौंह--मध्य० दे० (सं० लम्बी फलियों का एक बड़ा वृक्ष, शोभांजन, सम्मुख) सम्मुख, सामने, सौ हैं. सउँ मुनगा, एक वृक्ष विशेष, सहजना (दे०)। तरफ़, ओर, सीधे । " जा सहुँ हेरि मार " सहिजन अति फूलै तऊ'-वृ। । विषबाना'"- पद्मा। सहिजानी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० | सहूलियत-संज्ञा, स्त्री. (अ.) सरलता, सजान ) पहिचान, चिह, निशानी, समता, सुगमता, श्रासानी, अदब कायदा, शऊर, उपमा, सहिदानी। सहित-व्य० (सं०) साथ, युक्त, समेत, | सहृदय-वि० (सं०) सरस-हृदयी, भावुक, संग । " बंधु सहित नतु मारहुँ तोही" | रसिक, वह पुरुष जो दूसरे का भी सुख-दुख
योग्यता।
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