________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
RomamamMERASwamRRENIMA
सर्वोपरि
१७२४
सलामती सर्वोपरि--अव्य यौ० (सं०) सर्वश्रेष्ठ, सर्वो- सलसलाना--सं० (दे०) पसीना निक त्तम, सबसे बड़ा, सबसे उत्तम या श्रेष्ठ । । लना, सिलसिलाना, सरसराना, छुजलाना, सर्वाग्रगण्य, सर्वाच्य।
पानी ले .खूब भीगना, दीवाल में खूब साषधि-संज्ञा, स्त्री० (सं०) औषधियों का पानी घुस जाना एक वर्ग जिसमें दस जड़ी बूटियाँ हैं। मलहर ---संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० श्याल जाया, (पायु०) । यौ० साशधीश (सं.)--- हि० सर हज) सरहज, साले की स्त्री। चन्द्रमा, मृगांक रस ।
मलाई --- संज्ञा, वं. दे. ( सं० शलाका ) सर्षप-संज्ञा, पु. (सं०) सरसों, सरसों के लोहे आदि धातु की पतली छड़, शलाका, बराबर का मान या परिमाण । “यवहविर्जतु सगई (दे०)। मुहा० --सलाई फेरनासर्षप-धूपनम्” - लो ।
अंधा करने के लिये गरम सलाई अाँख में सलई--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शल्लकी) चीड़ लगाना । संज्ञा, 'त्री० दे० (हि० सालना ) या शल्ल की वृक्ष, चीड़ का गोंद, कंदर सालने की क्रिया या भाव अथवा मज़दूरी। प्रान्ती. साई।
सलाक-संज्ञा, पु० द० (सं० शलाका ) सलकी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) कमल की जड़। पतली लोहे प्रादि छड़, तीर सलाका, सलगम, सलजम-संज्ञा, पु० दे० (फा० (स्त्री०)। शलजम ) शलजम ।
सलाख-सज्ञा, स्त्री० (फ़ा० मि० सं० शलाका) सलज-वि० (सं०) लज्जालू, लज्जावान् , लोहे श्रादि धातु की पतली छड़, सलाई शर्मीला, हयावाला, लज्जाशील । संज्ञा, (दे०). शलाका । स्त्री० (सं०) सलज्जता । मो०-सलज्जा । सलाद, मलादा-संज्ञा, पु० दे० (अ. "सलजा गणिका नष्टा निर्लज्जा च कुलां- सैलाड ) मूली. प्याज श्रादि के पत्तों का गना".-नीति०।
अंग्रेज़ी अचार, कच्चे खाने के एक कंद के सलतनत सल्तनत-संज्ञा, स्त्री० दे० अ० पत्ते । सल्तनत) बादशाहत (फ़ा०) साम्राज्य, राज्य, सलाम-संज्ञा, पु. (अ०) प्रणाम, बंदगी, प्रबंध, इंतिज़ाम, श्राराम, सुभीता। नमस्कार, आदाब : यौ०--सलाम अले सलना-अ० क्रि० दे० (सं० शल्य) छिदना, कुम् । मुहा०-दूर से सलाम करना भिदना, छेद में डाला या पहनाया जाना, ---किसी बुरी वस्तु के पास न जाना, साला जाना (खाट श्रादि)। स० रूप-सालना सलाम बोलन। --- उपस्थित या हाज़िर प्रे० रूप--सलवाना।
होना, हाजिरी देना, सलाम देना--सलाम सलब-वि० दे० ( अ० शल्व ) नष्ट भ्रष्ट, करना, श्राने या बुलाने की सूचना देना, खराब, बरबाद।
सलाम लेना-सलाम का जवाब देना। सलभ-संज्ञा, पु० (दे०) शलभ (सं०) सलामत-वि० (ग्र०) रक्षित, बचा हुआ, पतिंगा।
जीवित, स्वस्थ लिदा वतनदुरूस्त, बरकरार, सलमा-संज्ञा, पु० दे० (अ० सलम) सोने या कायम । क्रि० वि० --कुशलक्षेम से, कुशलचाँदी का गोल लपेटा हुआ तार जो बेल-बूटे क्षेम-पूर्वक, खैरियत से । यौ० - सहीबनाने के काम में आता है, बादला सलामत । (प्रान्ती०)। यौ०-सलमा-सितारा। सलामती-संज्ञा, स्त्री० ( अ० सलामत+ई सलवट-संज्ञा, स्त्री० दे० (हिं० सिलवट ) | ...--प्रत्य० ) स्वस्थता, तन्दुरुस्ती, कुशलक्षेम । सिलवट, शिकन, सिकुड़न ।
यौ० ---सही सलामत से।
For Private and Personal Use Only