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लून, लोन
लून, लोन – संज्ञा, पु० दे० (सं० लवण ) नमक, नोन, काटा गया । लूनना- -स० क्रि० दे० ( हि० लुनना ) खेतों की पकी फसल काटना, लुनना । लूनिया - संज्ञा, पु० (दे०) शोरा-नमक बनाने वाली एक जाति, एक घास, बेलदार या फावड़ागीर, लुनिया, लोनिया (दे० ) । लूनी - संज्ञा, पु० (दे०) नैनू, मक्खन, नवनीत, लौनो एक नदी (राजपूताना ), चने के पौधों पर की वारीक रेणु जो खट्टी और नमकीन होती है, लोनी वि० (दे०) नमकीन, लोनी |
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लूमना
लुरना )
लटकना, झूमना, झूलना । लूरना* - ग्र० क्रि० दे० ( हि० भूलना, लहराना, झुक पड़ना । लूला - वि० दे० (सं० लून कटा हुआ ) कटे हाथ का, लुँजा, हुंडा, समर्थ, बेकार । ( स्त्री० लूली ) ।
लूलू - वि० दे० ( हि० लूला ) नासमझ मूर्ख, निकम्मा | संज्ञा, पु० (दे० ) भयानक जंतु (कल्पित ) ।
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लूह | संज्ञा, स्त्री० दे० (हि" लू ) लू, गर्म, हवा, लूक, लुहार (ग्रा० ) । लूहर - संज्ञा, पु० (दे०) लुकेठा, लूक या गिरा हुआ तारा, उष्ण वायु, लू । लेंड· - संज्ञा, पु० (दे०) बँधा गाढ़ा सूखा सा
लेखा
लपसी, अवलेह, घाटा आदि किसी चूर्ण को पानी में पका कर गाढ़ा किया लसीला पदार्थ | स० क्रि० सा० भ० ( हि० लेना ) लेगा, लेगी । यौ० - लेई पंजी-सारा धन या सामान, सारी पूँजी या जमा, सर्वस्व सुख मिला बरी का चूना ( जो ईंटों की जुड़ाई में लगता है । लेख - - संज्ञा, पु० (स०) लिखे तर, लिपि, लिखाई लिखावट हिसाब-किताब, देवता, देव । * -- वि० (दे०) लिखने-योग्य, लेख्य | संज्ञा स्त्री० [सं० (हि० लीक ) लकीर, पक्की
बात ।
अ० क्रि० दे० (सं० लवन ) लेखक- संज्ञा, पु० (सं०) लिपिकार, ग्रंथकार, लिखने वाला, रचयिता, मुहर्रिर, मुंशी । ( स्त्री० लेखिका ) |
लेखकी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० लेखक + ईप्रत्य० ) लिखाई, लेखक का कार्य, पेशा या मजदूरी | लेखन - संज्ञा, पु० (सं०) लिखने की विद्या या कला, अक्षर या चित्र बनाना, लिखने का काम, हिसाब करना, लेखा लगाना | वि० लेखनीय, लेख्य ।
लेखना* - स० क्रि० दे० (सं० लेखन ) समझना, विचारना, लिखना, यक्षर या चित्र बनाना, गणित करना, गिनना, देखना अनुमान करना । यौ० - लेखना- जोखना
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सुरवर
- ठीक ठीक अनुमान या अंदाज़ा करना, हिसाब या लेखा लगाना, जाँच या परीक्षा करना, जोड़ना, सोचना, विचारना । स० रूप- लेखना, प्रे० रूप-लेखवाना, स० रूप - लेखाना, लेखावना । लेखनी -संज्ञा, स्त्री० (सं०) कलम | तरु शाखा लेखनी पत्रमुर्वी --स्फु० । लेखा-संज्ञा, पु० दे० ( हि० लिखना ) गणित, हिसाब-किताब, गणना, ठीक ठीक अंदाज या अनुमान, कूत, श्राय - व्यय विवरण | मुद्दा० - लेखा पढ़ना- व्यापार व्यौहार- गणित पढ़ना । लेखा-डेवढ़
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या
मल ।
लेंडी - संज्ञा, पु० ( हि० लेंड़ ) बँधे मल की बत्ती, बकरी या ऊँट की मेंगनी । लेंहड - लेहंडा - संज्ञा, पु० (दे०) झुंड, समूह, दल, गल्ला, ( चौपायों का ) एक भाषा ( पश्चिम प्रान्त ) लेहड़ा । ले- अव्य० दे० ( हि० लेकर ) प्रारंभ होकर, लेकर, लौं ( ० ) । - ( सं० लग्न, हि० लग, लगि) पर्यंत तक । लेई - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० लेही, लेह्य ) कागज़ आदि चिपकाने की धाटे की पतली
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