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लल्ला
लवाक
लल्ता -संज्ञा, पु० दे० ( हि० लला ) लला, लवनि-लधनी--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० लड़का, प्रियतम, नायक, लाला।
लवन ) अनाज की कटाई, लुनाई. लौनी लल्ली -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० ललना) (दे०) । संज्ञा, स्त्री. दे. (सं० नवनीत) लड़की, जीभ, लली, लाली ।
मक्खन, नैनू । लल्लो चप्पो- संज्ञा, स्त्री० द० यौ० ( सं० लव-निमेष-संज्ञा, पु. यौ० (सं.) अल्प, लल । अनु० चप ) ठकुरसुदाती या चिकनी समय । 'लव-निमेष में भुवन निकाया" चुपड़ी बात, ललो पत्तो (दे०)।
--रामा० । लनो-पत्तो संज्ञा, सं. (दे०) (सं०
लवमात्र-वि० यौ० (सं०) थोड़ी देर, क्षण लल -। पत अनु०) लल्लो चप्पो ठकुरसुहाती
भर, अल्पकाल । या चिकनी चुपड़ी बात।
लव --संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. लपट ) श्राग लवंग - संज्ञा, पु० (सं० हौंग, लउंग की ज्वाला या लपट, लौ, लव ।। लवाँग (दे०) । " ललित लवंग-लता परि
लवलासी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. शीलन कोमल मलय-समीर "----गीत।
लव-प्रेम -- लासी - लसी, लगाव ) प्रेम का लव-संज्ञा, पु० (स०) अत्यंत थोड़ी मात्रा, |
लगाव या सम्बन्ध । छत्तीस पल या दो काष्टा का समय, लवा
लवलो-संज्ञा, सो० (सं०) हरफा रेवरी पक्षी. लवंग, रामचन्द्र जी के दो यमज सुतों
नामक पेड़ और उसका फल, एक विषम ( लव-कुश ) में से बड़े पुत्र, । " लव कुश
वर्णिक छंद (पिं० )। नाम पुराणन गाये" -- रामा० । वि० लेश
लवलीन- वि० दे० यौ० (हि. लय - लोन ) अल्प, थोड़ा, रंच, तनिक । यौ० लव
मिलित, तन्मय, तल्लीन. मग्न । " प्रभु निमेष ।
मनतें लवलीन मन, चलत बाजि छबि लवक --- संज्ञा, पु० (सं०) करने वाला, कर
पाव "--रामा० । वैया। लवण-संज्ञा, पु० (सं०) नमक, नोन, लोन, लवलेश - संज्ञा, पु० यो० (स०) अत्यंत, लवन, लोन (दे०)।
अल्प, थोडा. रंच संपर्ग। “जाके वल लवलवण-समुद्र-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) खारी लेश तें, जितेउ चराचर झारि"-रामा० । पानी का समुद्र, लवणसिंध, लवणो- लवा -- संज्ञा, पु० दे० (सं० लाजा ) धानों दधि, लवणाब्धि, लवण सागर।
के लावा, खील । संज्ञा, पु० दे० (सं० लावा) लवणाम्बु-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) खारा एक पक्षी जो तीतर सा परन्तु उससे छोटा पानी, खारी पानी का समुद्र, लवणाम्बुध ।
होता है । “बाज कपटि ज्यों लवा लुकाने' लवणासुर-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) मधु दैत्य --- रामा। का पुत्र जो शत्रुघ्न से मारा गया था।
लवाई-संज्ञा, स्त्री० वि० (दे०) हाल की लवन-संज्ञा, पु० दे० (सं०) छेदना, काटना, व्यायी गाय, छोटे बच्चे वाली गाय ।
खेत की कटाई, लुनाई । संज्ञा, पु० दे० (सं० " निरखि बच्छ जनु धेनु लवाई "लवण ) नमक, नोन।
रामा० । संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० लवना :लवना-स० क्रि० दे० ( सं० लवन ) खेत | आई -- प्रत्य० ) खेत के अनाज की कटाई, काटना, लुनना काटना, छेदना ।
लुनाई। लवनाई*--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० लावण्य ) दवाक-संज्ञा, पु० (सं०) हँसिया, हंसवा, लावण्य, सुन्दरता, लुनाई (दे०)। दराती, खेत काटने का हथियार !
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