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लटोरा
लड़ना लटोरा-संज्ञा, पु० दे० (हि. लस-चिप लड़-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० यष्टिं ) लड़ी, चिपाहट ) एक पेड़ जिपके फलों में बहुत माला, श्रेणी, रस्सी का एक तार, पान, सा लसदार गूदा होता है, लसोड़ा, लसोढ़ा पंक्ति, पाँति । स० वि० कि० झगड, भिड़ गुथ । (ग्रा० )।
लड़कई, लरकई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. लट्टपट्ट -वि० दे० (हि. लथपथ ) लथ- लड़कपन ) लड़कपन, लरिकई, लरिकार्ड पथ होना, भीग जाना।
(दे०)। लटू-संज्ञा, पु० दे० (सं० लुठन = लुढ़कना) लड़कखेल--संज्ञा, पु० यौ० दे० ( हि० लड़का एक गोल खिलौना जिसे कोरे से लपेट फैक + खेल ) बालकों का खेल, सहज काम ! कर नचाते हैं महा-किसी पर लट्ट, लड़कपन--संज्ञा, पु० ( हि० लड़का - पन होना -- शासक्त या मोहित होना, उत्कंठित प्रत्य० ) बालक होने की अवस्था, लड़काई, या लालायित होना।
बाल्यावस्था, चंचलता, चपलता। लट्ट-संज्ञा, पु० दे० (सं० यष्टि बड़ी लाठी। लड़कद्धि --- संज्ञा, स्त्री० यौ० दे० (हि. लो०-" पड़ा लट्ठ ते काम, बिसरि गई लड़का । बुद्धि ) बालकों की सी समझ, पट्टे-बाज़ी।
नासमझी, बालमति । लट्टबाज़-वि० दे० ( हि० लद्र -- बाज फ़ा ) | लड़का-संज्ञा, पु. (सं० लट, या हिं० लाड़ = लाठी से लड़ने वाला, लटत ( ग्रा० )। दुलार) अल्पवयस्क, बालक, बेटा, पुत्र, थोड़ी संज्ञा, स्त्री० लटलबाजी !
उम्र का मनुष्य, बरका, लरिका (दे०)। लट्टमार-वि० दे० यौ० (हे. ल -मारना) स्त्री० लड़की । मुहा० --लड़कों का लट्ठ मारने वाला, अप्रिय या कठोर, कर्कश खेल-बिना महत्व की बात, सहज कार्य, या कटु बोलने वाला।
लडकों का तमाशा ।। लट्टा--संज्ञा, पु० ( हि० लाद) लकड़ी की लड़काई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. लड़का :शहतीर, बल्ली, कड़ी, धन्नी, लकड़ी का पाई-प्रत्य० ) लड़कपन, बालपन, बालत्व, मोटा और लंबा टुकड़ा, एक मोटा और | शिशुता, शैशव, तरिकाई (दे०), "लड़काई गाढ़ा कपड़ा।
को पैरिबो, शागे होत सहाय'---तुल० । लट्टी---संज्ञा, स्त्री० (दे०) लाठी।
लड़का-बाला-संज्ञा, पु. यौ० दे० (हि. तल-संज्ञा, पु० दे० ( सं० वष्टि ) बड़ी लाठी, लड़का - बाल सं० ) परिवार, कुंटुब, वंश, लह।
संतान, श्रौलाद । लठालठी-संज्ञा, स्त्री. (दे०) लठबाजी, लड़की-संज्ञा, सी० (हि. लड़का ) बेटी, लाठी की लड़ाई।
पुत्री, कन्या। लछियोना--स० क्रि० (दे०) लाठी से मारना लड़कौरी-वि. स्त्री० दे० (हि० लड़का -- पीटना या कूटना, लाठी के बल से भगाना। औरी-प्रत्य० ) वह स्त्री जिसकी गोदी में लोत -- वि० दे० (हि. लट-- ऐत-प्रत्य०) लड़का हो, लड़के वालो. लरकोरी (दे०)। लाठी बाज़: वि० (दे०) लठ से लड़ने वाला। लड़खड़ाना-ग्रा० क्रि० दे० ( सं० लड़ = संज्ञा, स्त्री० लठेती।
डोलना + खड़ा ) इधर उधर को झुकना या लठठर - वि० (दे०) शिथिल, सुस्त, ढीला, | झोंका खाना, डगमगाना, डगमगा कर धीमा. पालन, मट्ठर ।
गिरना, चूकना, विचलित होना. पूर्णतया लडंत-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० लड़ना ) लड़ाई, स्थित न रहना, लरखगना (दे०)। भिडंत, सामना, मुटभेड़, कुश्ती। लड़ना- अ. क्रि० दे० (सं० रणन ) झगड़ना,
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