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रागी १४८२
राजगृह के दो दो भेद हैं, अतः बहत्तर राग-पत्नियाँ अधिकार होना । संज्ञा, पु० दे० (सं० या भाायें मानी गयी हैं (संगी०)। राजन् ) राजा, राजगीर । रागी-संज्ञा, पु० (सं० रागिन ) प्रेमी, राज--- संज्ञा, पु० (फ़ा०) रहस्य, भेद । स्नेही, अनुरागी, ६ मात्रामों के छंद (पि०)। राजकन्या-संज्ञा, स्त्री० यो० (सं०) राजा स्त्री० रागनी। वि०-रंगा हुश्रा, रंगीला, की बेटी, राज-सुता, राज-तनया, राजलाल, विषयी, विषय में फँसा, ( विलो. किशोरी, राज-पुत्री, राज-कुमारी। विरागी)। वि०-रंगने वाला, राग गाने राज-कर-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) वह महसूल वाला, राग जानने वाला, गवैया । *.संज्ञा, . या कर जो राजा प्रजा से लेता है, लगान, स्त्री० (सं० राज्ञी) रानी । " छही राग छत्तीस | खिराज । रागनी मुरली में गा"-- स्फुट।
राजकीय-वि० (60) राजा या राज्य राघव--- संज्ञा, पु० (सं०) रघुवंशीय, श्रीराम
सम्बन्धी, राजा का। चन्द्र जी । " सुग्रीवो राघवाज्ञया"-भट्टी । राजकीय महासभा-- संज्ञा, स्त्री० यौ० राचना-सं० क्रि० दे० (हि० रचना) रचना, (सं.) राजा की सभा, राज-दरबार, बनाना, सजाना । अ० कि० (दे०)-बनना,
शाही दारबार । रचा जाना । अ० क्रि० दे० ( सं० रंजन )
राजकुंअर-राजकंवर*-संज्ञा, पु० दे० रँगा जाना, प्रेम में मग्न या अनुरक्त होना,
यो० (सं० राजकुमार ) राजा का बेटा, डूबना, प्रेम करना, रंजित या निमग्न होना,
राज-पुत्र । स्त्री. राजकुवरि । " राजकुंवर प्रसन्न होना, शोभित होना, रुचिर रोचक
तेहि अवसर पाये"..-रामा० । या भला लगना, चिंता या से'च में पहना।
राजकुटुम्ब--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राजा का राछ-संज्ञा, पु० दे० (सं० रन) कोरी या
वंश, राजा का घराना । वि० राजकुटुम्बी। जुलहों के कपड़ा बुनने का या करवे में
राजकुमार-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) राजा का ताने के तागों का नीचे-ऊपर उठाने और
पुत्र । स्रो. राजकुमारी। गिराने का एक यंत्र, कारीगरों का एक
राजदत्त - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राज-वंश, औज़ार, जलन, बारात ।
राज-परिवार। राइस, राच्टस -संज्ञा, पु० दे० (सं०
राजकृत्य-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) राजा का राक्ष ) राक्षस, राच्छत (ग्रा०)। राज-संज्ञा, पु० दे० (सं० राज्य ) राज्य,
कार्य या कर्तव्य।
राजकोश -- संढा, पु. यौ० (सं०) राना का शासन, हुकूमत, राजा (घल्प.) जैसे
खज़ाना राज्य और खजाना । कविराज, धर्मराज । सुहा०--राज पर बैठना-राज-सिंहासन पर बैठना । 'राम
राजगद्दी-राजगद्दी--संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० राज बैठे जय लोका" .. रामा० । राज
( हि० राजा - गद्दी) राज-सिंहासन,नृपासन । राजना ( करना, भोगना )-राज्य राजगिरि-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) मगधदेश करना, अति सुख से रहना। यौ.---- का एक पहाड़ ( भू. ), राजगृह, पटना। राज-काज- राज्य-प्रबन्ध, राज्य-शासन । राजगीर-- संज्ञा, पु. (सं० राज+गृह ) इंट, राज-पाट-राज सिंहासन, शासन । एक पत्थर से घर बनाने वाला, राज, थवई राजा से शासित देश, राज्य, जनपद राज्य- (प्रान्ती० )। अधिकार, अधिकार-काल । मुहा०- राजगृह--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राजा का (किसी का) राज्य होना-पूर्ण स्वतन्त्र महल, राज-प्रासाद, पटने के समीप एक
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