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मेयना
मेवासी मेयना--स० कि० दे० (हि. मोयना) डालना, रखना, मिलाना, पहनाना । अ० पकवान में मोयन डालना।
क्रि० (दे०) एकत्रित या इकट्ठा होना । मेर* --संज्ञा, पु० दे० ( सं० मेत ) मिलाप, मेला-संज्ञा, पु० (सं० मेलक ) देव दर्शन, संयोग, समागम, एकता, मैत्री, संगति, उपवादि के लिये मनुष्यों का जमाव, भीड़, साथ निभना, प्रकार, समता, बराबरी, ढंग जमघट। स० भू० स० क्रि० (दे०) मेलना, जोड़, मिलावट, मेल।
डाला। मेरवना-स० कि० दे० (सं० मेलन )
मेलाठेला-वा० ( हि० ) भीड़भाड़, जमाव,
जमघट । मिलाना, संयोग या मिश्रित कराना।
| मेलाना--- स० कि० दे० (हि. मिलाना) मेरा- सर्व० (हि. मैं । रा--प्रत्य० ) मैं का संबंधकारक में रूप, मदीय, मम ।
मिलाना, एकी भाव करना, फेंकाना ।
मेली--संज्ञा, पु. (हि. मेल + ई प्रत्य०) खो० मेरी । संज्ञा, पु० दे० ला, जमाव,
साथी, संगी. मित्र, दोस्त, मुलाकाती। भीड़।
यौ०-- हेली-मेली, मेली-मुलाकाती। मेराउ-मेरावा--संज्ञा, पु० दे०। हि. मेर =
वि० (दे०) शीघ्र हिल-मिल जाने वाला। मेल ) मेल, समागम, भेंट, मिलाप । संज्ञा,
सा० भ० स्त्री० स० कि०-डाली। " मेली स्त्री० (दे०) अभिमान । " गहन छूट दिन
कंठ सुमन की माला "-रामा० । भरकर ससि सो भयो मिराउ"-पद्मा। iii_० कि. (दे०) बेचैन या विकल मेरी-संज्ञा, स्त्री० (हि. मेरा) दीया ।
__ होना, छटपटाना, थानाकानी करके समय मेरु-संज्ञा, पु. (सं०) हेमाद्रि, सुमेरु, बिताना, मेल्हराना (दे०)। जो सोने का है (पुरा०) जयमाला के बीच ! मेव - संज्ञा, पु. (दे०) राजपूताने की एक की गुरिया । एक प्रकार की गगना जिससे लुटेरी जाति, मेवाती, मेवा । ज्ञात हो कि कितने कितने लघु-गुरु के कितने मेवा-एंज्ञा, पु. ( फा. ) बादाम, छोहारे, छन्द हो सकते हैं (पिं० ।। " सात दीप किस्मिस श्रादि सूखे फल, उत्तम खाद्य वस्तु, नौ खंड हैं, मंदर मेरु पहार"--नीति ! यो०-सेवा-मिष्टान ।। मेरुदंड-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) शरीर की मेवाटी - संज्ञा, स्त्री० दे० ( फ़ा० मेवा + बाटी रीढ़, पृथ्वी के दोनों ध्रुवों की मध्यगत एक
हि० ) मेवा-भरा एक पकवान । सीधी कल्पित रेखा भू०)।
| मेवाड़-संज्ञा, पु. (दे०) राजपूताने का एक मेरे.-सर्व० (हि. मेरा ) मेरा का बहु बचन,
| प्रदेश जिसकी राजधानी चित्तौड़ थी।
मेवात-संज्ञा, पु० (सं०) राजपूताने और सिंध (विभक्ति-युक्त संबन्धवान के साथ आता है।)
' के मध्य का प्रदेश (प्राचीन )। मेल-- संज्ञा, पु. ( सं०) मैत्री, मिलाप, मेवाती--संज्ञा, पु. (मं० मेवात-ई-प्रत्य०) समागम, संयोग, एकता, मित्रता, संगति, मेवात-निवासी भेवात में उत्पन्न , मेवात. दोस्ती, उपयुक्तता। यौ० मेल-जोल, मेल- संबंधी। मिलाप । मुहा०-मेल खाना, बैठना या मेवाफ़रोश-संज्ञा, पु० यौ० ( फा० ) मेवा मिलना-साथ निभना, संगति का उपयुक्त | बेचने वाला । संज्ञा, स्त्रो०-मेवाकरोगी। होना, दो पदार्थों का जोड़ ठीक बैठना। | मेवासा -संज्ञा, पु० दे० ( हि० मवासा) जोड़, टक्कर, प्रकार, समता, चाल, ढंग, कोट, गढ़, किला, रक्षा स्थान, घर । मिलावट, मिश्रण।
मेवासी--संज्ञा, पु. ( हि० मेवाला ) घर का मेलना*-२० क्रि० दे० ( हि०) फेंकना स्वामी गद-निवासी, प्रबल और सुरक्षित ।
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