________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
मृषाभाषी
मृषाभाषी - वि० यौ० ( सं० मिषा भाषिन् ) झूठा, लबार असत्यवादी ।
मृट - वि० (सं०) शोधित, शुद्ध । सृष्टि - संज्ञा, स्त्री० (सं०) शोधन । में - अव्य० दे० (सं० मध्य ) अवस्थान या धार- सूचक शब्द अधिकरण का चिह्न जो भीतर या चारों श्रोर का अर्थ देता है ( व्या० ), मैं ( ० ) । मँगनी - संज्ञा, स्त्रो० दे० ( हि० मींगी ) भेड़, बकरियों आदि पशुओं की छोटी गोली जैसी विष्टा, लेंडी ।
मेंड़ संज्ञा, स्त्री० (दे०) बाँध, शाड़, घेरा । मेंडकी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) मेढकी । पु० मेंडक |
मेकल - संज्ञा, पु० (सं० ) विंध्याचल का अमरकंटक वाला खंड |
१४३६
मेघ - संज्ञा, पु० (सं० ) श्राकाश में वृष्टिकारक घनीभूत वाप्प, बादल छः रागों में से एक राग ( संगी० ) । मेघडंबर - संज्ञा, पु० [सं० दल बादल, बादलों की गर्जन, बड़ा शामियाना । मेघनाद - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) मेघ गर्जन, बरुण, रावण का जेष्ठ पुत्र इन्द्रजीत,
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मोर, मयूर
गयो प्रकाश रामा० ।
मेवपति - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) मेघनाथ, Here, nar इन्द्र |
मेघपुष्प - संज्ञा, पु० (सं०) इन्द्र का बोड़ा, श्रीकृष्ण के रथ का एक घोड़ा । मेघमाला - संज्ञा, श्री० यौ० (सं०) बादलों की घटा, कादंबिनी, मेघमाल, मेघावलि । मेत्रराज - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) इन्द्र | मैत्रचरण- मेघवर्ण - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) मेघके से श्याम रंग का, घनश्याम, श्रीकृष्ण जी ! विश्वाधारं गंगन सदृशं मेघवर्णं शुभांगम् " - स्फु०
66
मेघवर्त्त - संज्ञा, पु० (सं०) प्रलय के बादलों में से एक, प्रनयाद । hari - संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० मेघ + वाई - प्रत्य० ) बादलों की घटा । मेघविस्फूर्जिता - पंज्ञा, स्त्री० (सं० ) एक वर्णिक छंद (पिं० ) ।
मेख - संज्ञा, पु० दे० ( सं० मे) भेंड़ी, प्रथम राशि | संज्ञा, स्त्रो० (फ़ा० मेख ) खूँटी, खँटा, कीला, कील, काँटा ।
66
मेखल -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० मेखला ) मेघा)- पंज्ञा, पु० दे० (सं० मेघ) बादल, मेंढक । मेखला । मेघागम - संज्ञा, पु० (सं०) वर्षा ऋतु, वर्षामेखला - संज्ञा, स्रो० (सं०) किंकणी, करधनी, काल, बरपात जलदागम । मेघागमे कटिसूत्र, तगड़ी, किसी वस्तु के मध्य भाग किं कुरुते मयूरा" - स्फु० । को चारों ओर से घेरने वाली वस्तु डंडे मेघादन- मेघाच्छादित - वि० यौ० आदि के सिरे पर लोहे का गोलबंद, पहाड़ (सं०) मेघों से ढक या छाया हुधा । का मध्य खण्ड, गले में डालने का वस्त्र मेघाव -- संज्ञा, पु० (सं० ) मेघ-मार्ग, घन( साधु ) अलफी, कफनी । पथ, प्रकाश, अंतरित | मेखली - संज्ञा, स्रो० दे० ( सं० मेखला ) मेघावरि- मेघावलि - मेघावली -संज्ञा, खो० एक पहनावा जिससे पेट और पीठ ढकी दे० (सं० मेत्रावलि ) बादलों की घटा. रहती है और हाथ खुले रहते हैं, कटिबंध, Harai (दे०) | करधनी ।
मेज़
"मेघनाद माया विरचि रथ चदि
""
मेचक संज्ञा, पु० ( सं० ) श्याम या काळाचर्ण ।
For Private and Personal Use Only
मेचकता - संज्ञा, स्रो० (सं० ) कालापन | मेचकताई - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० मेचकता । कालापन, मेचकता. श्यामता । प्रभु सहिँ कताई" - रामा० । मेज- संज्ञा, स्त्री० ( का० ) पढ़ने-लिखने की लंबी, चौड़ी और ऊँची चौकी, टेवुल (अं० ) ।
"