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मुताबिक वस्तु, पुलिदा, यंत्र या हथियार का बेंट, क्रि० (हि. मुड़ना का प्रे० रूप ) झुकवाना, दस्ता, हत्था (दे०) । स्त्री०-मुट्ठी। घुमवाना। मुट्ठी-संज्ञा, स्त्री० दे. ( सं० मुष्टिका, प्रा०. मुड़वारी ---संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० + मूड़ मुटिया ) बंधी हथेली, मुड़ी अँगुलियों को वारी-प्रत्य०) सिरहना, मड़ेर, अटारी की हथेली में दबाने से हाथ की बँधी मुद्रा, दीवार का सिरा । उतनी वस्तु जो हथेली की इस मुद्रा में | मुड़हरा - संज्ञा, पु० दे० (हि. मूह + हरसमा सके, मठी (दे०)। मुहा०--मट्टी प्रत्य० ) चादर या साड़ी का वह भाग जो में-अधिकार में, काबू या बब्जे में । मुट्टी स्त्रियों के पिर पर रहता है, सिर का एक गरम करना---धन या रुपया देना, किसी गहना। की थकी मिटाने को हाथों से अंगों को मुडिया-संज्ञा, पु० दे० (हि० मुड़ना-1पकड़ कर दबाने की हिया, चंपी (प्रान्ती०)। इया-प्रत्य० । सिर मुड़ा व्यक्ति, साधु । संज्ञा, यौ० मुहा०-मुट्ठी भर- बहुत थोड़े। स्त्री० (दे०) महाजनी लिपि।। मुठभेड, मुठभेड़ी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. मुड़ेर-ज्ञा, पु० (दे०) मुड़वारी । मूठ ।- भिड़ना ) टक्कर, युद्ध, भिड़त, भेंट, मुतअल्लिक--वि० (अ०) संबंधी संबंध रखने सामना।
वाला, सम्मिलित, संबद्ध । क्रि० वि०-संबंध मुठिका*-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० मुष्टिक) या विषय में । घुसा, मुक्का, मुट्ठी। "मुठिका एक ताहि मतका-संज्ञा, पु० दे० (हि. मॅड+ टेक ) कपि हनी" रामा।
खंभा, लाट, मीनार, छज्जे पर पटाव के मुठिया - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० मुष्टिका ) किनारे की नीची दीवाल । यंत्रों या इथियारों का दस्ता, बेंट, हत्था। मतान्नी- वि० (फा०) धूत, नीच, छली। संज्ञा, बी०-मुट्टी मुट्ठी भर अन्न भिखारियों के मुतफ़रिक-- वि० (अ०) भिन्न भिन्न, अलग देने की क्रिया।
श्रलग, स्फुटिक। मुठियाना-स० क्रि० दे० (हि. मुट्ठी ) मुट्ठी मलवन्ना-ज्ञा, पु. (अ०) दत्तक या गोद में लेना।
लिया लइया या पुत्र। मुठी* --- संज्ञा, पु० दे० (हि० मुट्ठी ) मुट्ठी। मतलक-कि० वि० (अ०) रचक भी, तनिक मुडकना---अ० क्रि० दे० (हि. मुरकना ) भी, रत्ती भर भी, केवल ।
मुड़ना, मुरकना । स० क्रि० रूप-मड़काना। मुतवजह-वि० (अ०) प्रवृत्त, जिसने ध्यान मुडना-अ० कि० दे० ( सं० मुरण ) सीधी दिया हो। वस्तु का जाना, दाँये या बायें धूम मतदफा--वि. (अ.) मृत, स्वर्गवासी। जाना, अस्त्र की नोक या धार का भुकना,मुतवल्ली · संज्ञा, पु० (अ०) वली, नावालिग़ लौटना, पलटना, वाल बनना, ठगा जाना। और उसकी संपत्ति का कानूनी रक्षक । अ० क्रिमना, स० रूप-पुड़ाना, प्रे०रूप-मुतराद्दी--संज्ञा, पु. (अ०) मुंशी, लेखक, मुड़वाना।
पेशकार, दीवान, मुनीम, प्रबंधकर्ता, पुसद्दी मुडला--वि० दे० (सं० मुंड ) मुंडा, (दे०)। जिसके सिर में बाल न हों, बिना छत के। मतसिरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. मोती स्त्री० मुड़ती।
+श्री-सं० ) मोतियों की कंठी।। मुड़वाना--स० क्रि० (हि. मँडना का प्रे० मुताबिक-कि० वि० (अ०) अनुसार । वि०. रूप ) बाल बनवाना, धोखा दिलाना । स० अनुकूल, मुध्धानिक ।
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