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भोजू
भोक्तव्य भोक्तव्य-वि० (सं०) भोगने या खाने योग्य भोज-संज्ञा, पु. ( सं० भोजन ) जेवनार, भोक्ता-वि० ( सं० भोक्त ) भोजन या भोग दावत, खाने की वस्तु । संज्ञा, पु. (सं०) करने वाला, भोगने वाला । सज्ञा. पु. भोज का या भोजपुर प्रांत, अनेक मनुष्यों भोक्तत्व।
का एक साथ खाना-पीना, कान्यकुब्ज के भोक्त-वि० (सं०) खाने वाला | संज्ञा, पु० : राजा, रामभ : देव के पुत्र, परमार वंशीय विष्णु, स्वामी, मालिक।
विद्वान संस्कृत कवि तथा मालवा के भोग-संज्ञा, पु० (स.) सुख-दुख का अनुभव एक राजा । वि. भोज्य। करना, दुख या कट, सुख, विलाप, विषय. भोजक---संज्ञा. पु. (सं०) भोगी, विलासी, संभोग, देह. धन, भतण. पालन, भोजन भोग करने वाला करना. भाग्य, प्रारब्ध, भोगा जाने वाला भोजदेव-ज्ञा पु० यौ० (सं०) प्रसिद्ध पाप या पुण्य का फल, थर्थ, फल, देवमूर्ति कान्य-कुब्ज नरेश । श्रादि के सामने रखे हुपे खाद्य पदार्थ, नैवेद्य, : भोजन - संहा, पु० (सं०) खाना, खाने की सर्प का फन, ग्रहों का राशियों में रहने का वस्तु । " भोजन करत बुलावत राजा"समय।
रामा०। भोगना-अ० क्रि० दे० (सं० भोग) दुख-सुख भोजमखाना* --संज्ञा, पु. यौ० (सं०
या भले बुरे कर्मा का अनुभव करना, भोजन --- खान फा० ) भोजनालय, पाकभुगतना. सहना । स० रूप ....भागाना । शाला, रसोईया । यौ० कि० (हि०) खाना । प्रे० रूप ---भोगवाना।
भोजनशाला- संज्ञा, स्त्रो० यौ० (सं०) रसोईभोगवंधक ---संज्ञा, पु० यौ० (गं० भोग्य :- घर । बंधक हि० ) दावली रेहन, रेहन की हुई भोजनालय --- ५ ज्ञा. पु० यौ० (सं०) रसोईभूमि आदि के भोगने का अधिकार देने घर ! धाला रेहन ।
भोजपत्र-संज्ञा, पु० दे० (सं० भूर्जपत्र) भोगली -- संज्ञा, स्त्री० (दे०) नाक में पहिनने एक पेड़ और इसकी छाल जो प्राचीन काल की लौंग, कान का गाना. तरकी. लोंग या में काग़ज़ का काम देती थी। कर्णफूल के अटकाने की पतली पोली कील । भोगवना --अ० क्रि० दे० ( सं० भोग)
भोजपुरी- संज्ञा स्त्री. (हि. भोजपुरई
प्रत्य० ) भोजपुर की भाषा । संज्ञा, स्त्री० यौ० भोगना!
(सं०) राजा भोज की नगरी । संज्ञा, पु०भोगविलास-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) सुख. चैन, प्रामोद-प्रमोद, विषय-भोग।
भोजपुर का रहनेवाला । वि०- भोजपुर भोगी-संज्ञा, पु० (सं. भागिन् ) भोगने
संबंधी, भोजपुर का। वाला । वि. ... विषयासक्त, सुखी, इन्द्रियों । भोजराज- ज्ञा पु० यौ० (सं०) राजा का सुख चाहने वाला. विलासी, विषयी, भोज । " भोजराज तव कीति-कौमुदो
- भो० प्र०। भुगतने वाला. आनंद करने वाला । संज्ञा पु० (सं०) मर्प।
भोजविद्या-सं, स्त्री० यौ० (सं०) इन्द्रभोग्य-वि० (स०) भोगने योग्य, कार्य में जाल. भानुमती का खेल, बाजीगरी। लाने योग्य ।
भोजी-संज्ञा, पु० (सं० भोजन) खाने वाला। भोग्यमान-वि० (सं.) जो भोगने को हो, भाजू* --संज्ञा पु. दे. (सं० भोजन) जो अभी तक भोगा न गया हो।
भोजन, भाज।
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