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पहाड़ा पहर-संक्षा, पु० दे० (सं० प्रहर ) तीन | पहलवी-संज्ञा, पु० दे० (फा० वा सं० घंटे का वक्त, ज़माना, युग।
पह्नवी) एक प्रकार की फारसी भाषा। पहरना, पहिरना-स० क्रि० दे० (हि. | पहला, पहिला-वि० दे० (सं० प्रथम )
पहनना ) पहनना, धारण करना। प्रथम का, श्रादि का। औवल । संज्ञा, पु. पहरा-संज्ञा, पु० दे० ( हि० पहर ) चौकी, | (दे०) पुरानी रुई की तह (रजाई आदि की)। निगरानी, रक्षा। यौ० पहरा-चौकी । | (स्त्री० पहली)। मुहा०-पहरा बदलना रक्षक बदलना । पहलू-संज्ञा, पु० (फा०) बग़ल, पार्व, पहरा बैठना, बैठाना - रक्षक बैठाना,
पांजर, (दे०) तरफ, करवट, किसी विषय रखवाली करना। पहरा देना-रखवाली
के भिन्न भिन्न अंग (गुण दोषादि के भाव के) करना । तैनाती, नियुक्ति, रक्षकदल, गारद,
पक्ष पहल । वि. पहलूदार । "तुम रहो चौकीदार का फेरा या आवाज़, हवालात,
पहलू में मेरे"। हिरासत । मुहा०-पहरे में देना या रखना-जेल भेजना । पहरे में होना
पहले, पहिले--अव्य० (हि. पहला) हिरासत में या नजरबन्द होना । संज्ञा, पु.
__ प्रारंभ या आदि में सर्वप्रथम, पूर्व, (स्थिति) दे० ( हि० पाँव-+-रा,--पौरा ) आने-जाने
| आगे, बीते या पूर्व समय में । का शुभाशुभ प्रभाव । (दे०) समय, युग।
पहले-पहल, पहिले-पहिल-अव्य० दे०
( हि० पहल ) सर्व प्रथम । पहराना, पहिराना-स० क्रि० दे० (हि. पहनना) किसी को पहनाना, धारण कराना।
| पहलौठा, पहिलोठा-वि० दे० (हि० पहला
+ोठा-प्रत्य०) प्रथम वार का उपजा पहरावनी--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. पहरावना)
लड़का । स्त्री० पहलौठी। “जो पहलौठी बड़े आदमी के दिये हुए वस्त्र, खिलअत ।
बिटिया होय"-घाघ। पहरी-संज्ञा, पु० दे० (सं० प्रहरी) पहरा देने वाला, चौकीदार, रक्षक, पहरेदार।
पहाड़, पहार---संज्ञा, पु० दे० (सं० पाषाण)
पर्वत गिरि, पहार, पहारू (दे०) स्त्री० पहरुया, पहरुवा-संज्ञा, पु० दे० (हि.
अल्पा० पहाड़ी । मुहा०—पहाड़ उठाना पहरू ) पहरू, पहरा देने वाला, रक्षक,
--भारी कार्य अपने जिम्मे लेना । चौकीदार, पाहरु (व०)।
पहाड़ टूट पड़ना या टूटना-अचानक पहरू, पाहरू-संज्ञा, पु० दे० (हि० पहरा+ बड़ीभारी आपत्ति प्राना, महा संकट आजाना।
ऊ-प्रत्य०) रक्षक, पहरा देने वाला। सिर पर पहाड़ गिरना-बड़ी विपत्ति पहल-संज्ञा, पु० दे० (फ़ा. पहलू, मि० सं० सहसा पाना। " सिर पर गिरे पहाड़ तो पहल) ठोस चीज़ के समतल, पहलू, बग़ल,
फरियाद क्या करे'। पहाड़ हिलानाकिनारा पुरानी जमी हुई रुई, या ऊन । बड़ा कठिन कार्य करना । पहाड़ से टक्कर तह. परत । संज्ञा, पु० दे० (हि. पहला) लेना-अधिक बली या ज़बरदस्त से प्रारम्भ, शुरू, छेड़। यौ० पहले-पहल । भिड़ जाना। बहुत बड़ा ढेर या ऊँची पहनदार--वि० दे० ( हि० पहल + फा० | राशि, दुष्कर कार्य प्रति भारी वस्तु । वि०
दार ) जिसमें पहल हों, पहलूदार । पहाड़ी-पर्वतीय । पहलवान-संज्ञा, पु. (फा० ) कुश्ती लड़ने ! पहाड़ा-संज्ञा, पु० (दे०) गुणन-फल-तालिका, या मल्ल युद्ध करने वाला, मल्ल, बली या संकलन की हुई अंकों की सूची, किसी अंक डील-डौल वाला। संज्ञा, स्त्री० पहलवानी। के गुणनफलों की अनुक्रमणिका, पहारा,
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