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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पट्टी १०५१ पठमान पट्टी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० पट्टिका) तख्ती, | पठवना-स० क्रि० दे० (सं० प्रस्थान ) पाटी, सबक, पाठ, शिक्षा, उपदेश, बहकावा, भेजना, पठापना (दे०)। भुलावा, पलंग की पाटी, सन का कपड़ा, पठधाना- स० कि० दे० (हि. पठाना का कपड़े की कनारी या कोर, एक मिठाई, प्रे० रूप ) भेजवाना, पठाना। वि० पठटाँगों में लपटने का कपड़ा, कतार, पाँति, | चैया, पठेया। पंक्ति, सिर के बालों की पटिया, भाग, पठान-संज्ञा, पु० दे० (पश्तो० पुख्ताना ) हिस्सा, पत्ती, नेग । मुहा०-- पट्टी पढ़ना मुसलमानों की एक जाति, अफगान, काबुली। ----भुलावा देना, वहकाना । यो० दम-पट्टी, पठाना-स० क्रि० दे० (सं० प्रस्थान) झांसा पट्टी। भेजना, पठावना । पट्टीदार-संज्ञा, पु० दे० (हि. पट्टी+ पठानी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० पठान ) फा० दार ) अधिकारी, हिस्सेदार, दायभागी पठानिन (दे०) पठान की स्त्री, पठान की पट्टीदारी- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. पट्टीदार ) भाषा, शूरता, क्रूरता, पठानों के गुण, बहुत से भाग या हिस्से होना, पट्टीदार पठानपन । वि० पठानों का।। होने का भाव । महा०--पट्टीदारी करना- पठानीलोध-संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० बराबरी करना । साझे का धन, भाई-चारा। पट्टिका लोध्र) एक जंगली पेड़ जिसकी पटू--संज्ञा, पु० दे० (हि० पट्टी या सं० | लकड़ी और फूल औषधि के काम आते हैं। पटु) पट्टी की शकल का एक ऊनी कपड़ा, पठार-संज्ञा, पु० (दे०) पर्वतीय मैदान, घासतोता, सुग्गा, सुश्रा, पटुया (ग्रा०)। वाली पहाड़ी भूमि (भू०)। मुहा०-पढ़े पढ़ाये पट्ट-स्वतः अनुभवी पठावना-संज्ञा, पु० दे० (हि० पठाना ) और चालाक । पट्ट सा पढ़ाना -.खूब । दूत, पठौना। सिखाना। पठावनि, पठावनी, पठौनी--संज्ञा, स्त्री० पट्टमान-वि० दे० (सं० पठ्यमान)पढ़ने-योग्य। दे० (हि० पठाना) किसी को कुछ पहुँचाने पट्टा-संज्ञा, पु० दे० (सं० पुष्ट, प्रा० पुट) को भेजना, भेजी वस्तु या मज़दूरी, कन्या तरुण, जवान, पाठा (प्रा.), पहलवान, के घर से वर के यहाँ भेजी वस्तु (रीति)। कुश्तीबाज, लड़ाका, मोटी नसें, पटा । स्त्री "ख्वैहौं ना पठावनी कहै हौं ना हँसाइ कै" पट्टी, पठिया । मोटा पत्ता, जैसे घीकार का । पहा । मुहा०-पट्टा चढ़ना--एक नस पठित-वि० (सं०) पढ़ा हुआ ग्रंथ, पढ़ाका तन कर दूसरी पर चढ़ जाना, चौड़ा लिस्त्रा पुरुष, शिक्षित । गोटा, कमर और जाँघ का जोड़। पठिया-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० पाठ ---इया पट्टी-संज्ञा, स्त्री० दे. (हि. पठ्ठा) पठिया -प्रत्य० ) जवान, युवा और तगड़ी स्त्री। (ग्रा०) तरुण, युवती, सृष्टा । पट्टी (दे०)। पठन-संज्ञा, पु० (सं०) पढ़ना । यौ० पठन-पठौना-स. क्रि० दे० (हि० पठाना) पाठन-पढ़ना-पढ़ाना। भेजना, पठाना। पठनीय -वि० (सं०) पढ़ने के योग्य । वि० पठौनी/-... संज्ञा, खो० दे० (हि. पठाना) पठित। पठावनी, पठउनी (ग्रा०)। पठनेटा-संज्ञा, पु० दे० (हि. पठान-+ एटा | पठमान-वि० (सं०) पढ़े जाने के योग्य, =बेटा-प्रत्य०) पठान का लड़का (भूष०)। सुपाठ्य । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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