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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निरति १०१४ निरमोल निरति--संज्ञा, स्त्री० (सं०) अप्रीति, अप्रेम. निरवंश, निरवंशी--- वि० दे० (सं० निर्वश) अस्नेह । संतान-रहित, वंश या कुटुंब-हीन । निरतिशय-वि० सं०) सर्वोत्तम या उत्कष्ट निरबल*—वि० दे० ( सं० निर्बल ) निर्बल, सर्व श्रेष्ठ, सब से अच्छा या बढ़िया। कमजोर, निबल । " निरबल को न सतानिरधातु-वि० दे० (सं० नर्धातु ) बल इये"-कवी०। या शक्ति-हीन । निरवहना*-अ. क्रि० द० (हि० निभना) का निभना, निबहना। निरधार*---संज्ञा, पु० दे० ( सं० निर्धार ) . निरबद*--संज्ञा, पु० द० (सं० निर्वेद ) निर्णय, निश्चय, ठीक, सिद्धांत । जो वैराग्य, ताप, ज्ञान । कहिये सो कीजिये, पहले करि निरधार" ०।। निरबेरा--संज्ञा, पु० दे० ( हि० निबेरा ) निरधारना- स० कि० दे० (सं० निर्धारण ) ") निबेरा। मन में निश्चय या स्थिर करना, समझना, निरभिमान-वि० (सं०) गर्व - हीन, बहुतों में से एक को चुन लेना। अहंकार-रहित, अभिमान-शून्य । निरनुनासिक-वि० यो० (सं०) थननु- निरभियोग-वि० (सं०) अभियोग-नहित । नासिक, नाक की सहायता से उच्चरित निरभिलाष-वि० (सं०) इच्छा, आकांक्षा, वर्ण । जैसे-न, म, ङ, अ, ण, श्रादि ! या अभिलापा से रहित, निरभिलाषी। निरन्न-वि० (सं०) निराहार, अन्न या संज्ञा, स्त्री० निरभिलाषा। भोजन-रहित, भूखा। निरभ्र--वि० (सं०) मेघ या बादल के बिना। निरन्ना-वि० दे० ( सं० निरन्न ) अन्न-रहित, निरमना -२० कि. द० ( सं० निर्माण ) निराहार । बनाना, निर्माण करना। निरपत्य - वि० सं०) निस्संतान, पुत्र, निरमम--वि० (दे०) निर्मम ( सं० ) ममता । रहित। कन्या-रहित । निरपना-वि० दे० ( सं० निर-+ हि० निरमर-निरमल-वि० दे० (सं० निर्मल) निर्मल, स्वच्छ, उज्वल। अपना ) दूसरे का, पराया, अन्य, जो अपना निरमाता-संज्ञा, पु. (दे०) निर्माता (सं०) । न हो। निरमान - संज्ञा, पु० दे० (सं० निर्मागा) निरपराध-वि० (सं०) निदेष, अपराध बनाना, निर्माण करना। रहित । क्रि० वि० (हि.) कोई कसूर बिना । निरमाना*-स० कि० दे० (सं० निर्माण ) किये। रचना, बनाना, तैयार करना। निरपराधी*-वि० (सं०) निदेष, अपराध-निरमायल --संज्ञा, पु० दे० (सं० निर्माल्य) रहित। किसी देवता पर चढ़ी वस्तु, निर्माल्य। निरपाय-संज्ञा, पु. (सं० निर + अपाय ) निरमित-वि० (दे०) निर्मित ( सं०) दे. रक्षा, निर्विघ्न । 'ब्रहमांडनिकाया निरमित माया"-रामा निरपेक्ष-वि० ( सं० निर् + अपेक्ष ) स्वतंत्र, निरमूलना-स० क्रि० दे० (सं० निर्मूलन) बे परवाह, लापरवाह, अनपेक्ष, उदासीन, जड़ से नाश या निर्मूल करना । संज्ञा, पु. चाह या भरोसा-रहित, अलग, तटस्थ ।। (दे०) निरमूलन । संज्ञा, स्रो० निरपेक्षा, निरपेक्षी- वि० निरमाल-वि० दे० (सं० निमूल्य ) अमोल, निरपेक्ष्य, निरपेक्षणीय, निरपेक्षित। अमूल्य, अनमोल, उत्तम । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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