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नियोजक
१०१३
निरतना का काम, प्रेरणा, मुकर्ररी, तैनाती, द्वितीय निरकेवला-वि० (सं० निस् + केवल) स्वच्छ, पति-करण । नियोगी-वि० (सं०) नियुक्त, खालिस, बेमेल । श्राज्ञा-प्राप्त।
निरतदेश--संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) भूमध्य नियोजक -- संज्ञा, पु० (सं०) तैनात या मुकर्रर या विषुवत रेखा के निकटवर्ती देश (भू०)।
करने वाला, काम में लगाने वाला। | निरत्तन* --- संज्ञा, पु. यौ० ( सं० निरीक्षण ) नियोजन-संज्ञा, पु० (सं०)मुकर्रर या तैनात, निगरानी, देखरेख, देखभाल, दर्शन, जाँच ।
करना, किसी को किसी काम में लगाना। निरत्तर-वि० (सं०) अक्षर-शून्य , निरच्छर वि० नियोजित, नियोजनीय, नियोज्य, (दे०) मूर्ख, अपढ़। यौ० निरक्षर भट्टानियुक्त।
चाय-अपह, मूर्ख। नियोजित--वि० (सं.) नियुक्त, संयोजित, निरक्षरेखा-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) निरक्षतैनात ।
वृत्त, क्रांति-वृत्त, नाड़ी-मंडल । निरंकार* - संज्ञा, पु० दे० (सं० निराकार ) निरक्षि-वि० (सं०) नेत्र-विहीन, अंधा। निराकार, ईश्वर, आकाश।
निरखना*---स० कि० दे० (सं० निरीक्षण ) निरंकुश-वि० (सं०) जिसे किसी का भी अवलोकन करना, देखना, ताकना। प्रे० डर न हो, स्वतंत्र, स्वच्छंद, निडर । " निरं- रूप (दे०) निरखाना, निरखवाना। कुशाःकवयः, । " निपट निरंकुश, अवुध, निरग* --- संज्ञा, पु० दे० ( सं० नृग ) एक प्रशंकू"-रामा० । संज्ञा, स्त्री० निरंकुशता। दानी राना, नृग। निरंग-वि० (सं०) जिसके शरीर या अंग न । निरगुन --वि० दे० (सं० निर्गण) निर्गण, हो, केवल । संज्ञा, पु० (सं०) रूपकालंकार तीनों गुण से परे, भगवान । का एक भेद (विलो०-सांग)। वि० (हि. निरच-वि० दे० ( सं० निश्चित ) निश्चित. उप० नि-नहीं। रंग ) बदरंग, बे रंग, खाली, छुट्टी या फुरसत वाला, निहचू विवर्ण, उदास ।
(ग्रा०)। निरंजन-वि० (सं० ) कज्जल या अंजन- निरच्छ* ---वि० दे० ( सं० निरक्षि ) अंधा। रहित, दोष-रहित,शुद्ध, निर्दोष,माया-रहित। | निरजर-वि० दे० ( सं० निर्जर ) जो कभी संज्ञा, पु० (सं०) परमात्मा।
पुराना या जीर्ण न हो, देवता। निरंतर-वि० (सं०) घना, मिलित, स्थायी, | निरजोस-संज्ञा, पु० दे० (सं० नियास )
अविच्छिन्न, अविचल । क्रि० वि० (सं०) निर्णय, निचोड़, सारांश ।। सदा, लगातार, नितांत ।
निरजोसी-वि० दे० (हि. निरजोस) निर्णय निरंतराभ्यास-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) लगा- करने या निचोड़ या सारांश निकालने तार अभ्यास, स्वाध्याय ।
वाला। निरंतराल-वि० (सं०) अविच्छेद, निरव- निरझर*--संज्ञा, पु० दे० (सं० निर्भर ) काश।
सोता, चशमा, झरना निर्भर । स्त्री. (दे०) निरंध-वि० (सं०) अत्यंत अंधा, महामूर्ख, . निरभरी, निर्भरी। अति अंधकार, बहुत अँधेरा।
निरत-वि० (सं० ) तत्पर, लीन, लगा निरंभ-वि० ( सं० निरंभम् ) निर्जल, पानी- हुधा । **---संज्ञा, पु० दे० (सं० नृत्य) रहित।
नाच, नृत्य । निरंश-वि० (सं०) अंश-हीन, जिसका हिस्सा निरतना--अ० क्रि० दे० (सं० नर्तन ) या भाग न हो, बिना अक्षांश का, निरक्षांश ।। नाचना, नृत्य करना।
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