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देवांगना स्वरूप
कांस्य मंजि बंशी वीणा शंख मुबंग खंजरी
विविधा वाविन वश्या च क्वचित नृत्य नायका ॥१३२॥ कांसा, मॅजीरा, बंसी, वीणा, शंख, ढोल या खंजरी बजाती, विविध वाजिन्त्रवादिनी देवांगनायें भी कई-कई प्राचीन शिल्पों में दिखायी पड़ती है।
शास्त्रों के पाठों में भी, अति प्राचीन मंदिरों में पायी जाती भिन्न-भिन्न स्वरूप, हाव-भाव, अंगभंगी तथा विविध वाजिन्नोंवाली देवकन्याओं के स्वरूपों के वर्णन हमें मिलते हैं। पहले हम देवांगनाओं के ३२ स्वरूपों से भिन्न, वाजिन्न बजाती पाठ देवकन्यामों के स्वरूप प्रस्तुत करते हैं, बाद में ३२ देवांगनाओं से वे किस तरह मिलती जुलती हैं, उसका निरूपण करेंगे।
देवकन्यानों के पाठ स्वरूप : वाजिन्त्र धारिणियां: १. मृदंगवादिनी : मृदंग बजाने में मग्न देवांगना २. वीणावादिनी : वीणा बजाने में मग्न देवांगना ३. खंजरीवादिनी : खंजरी " " ४. मंजीरावादिनी : मंजीरे, , , ५. शंखवादिनी : शंख , " ६. बंशीवादिनी : बंशी , , , ७. केशगुंफन (करती) : केशगूंथने में मग्न देवांगना ८. बंसीपान धारिणी : बायें हाथ की बंसी मस्तक पर घरकर तथा दाहिने हाथ में पात्र लिये अंगभंगीवाली देवांगना।
प्राचीनकाल के भिन्न-भिन्न समयों में लिखी गई अशुद्ध हस्तलिपियों में ३२ देवांगनामों के नाम इस प्रकार दिये गये हैं। उसमें कई तो केवल नृत्यांगनाएं ही हैं, जबकि कई वाजिन्त्रधारिणी कन्याएं हैं।
शिल्पशास्त्र में वर्णित ३२ देवांगनाओं के सिवाय शिल्पियों द्वारा अपनी मर्जी या कल्पना से उरेही हुई देवांगनाओं के विविध प्रचलित स्वरूपों की नामावली यहां दी गई है, उसमें देवांगना-स्वरूपों के साम्य-भेद को भी दर्शाया गया है।
वाजिन्न-वाविनियों के स्वरूप : देवांगना स्वरूप में पाये जाने वाले प्रचलित स्वरूप :
१. मोहना २. मंजुला ३. गार्गी ४. मुग्धा ५. श्यामा ६. खंजना ७. सूरपाली
: बंसीनाद करती : पायल, नूपुर, मंजीरे बजाती : ढोलक बजाती : मुरली बजाती : सितार, : खंजरी, : शहनाई ,
देखिये, देवांगन स्वरूप में, , बंशीवादिनी " हंसावली , मृदंगवादिनी , बंशीवादिनी
, खंजरी वादिनी (प्रभातकन्या या विवाहित कन्या की सखी)
: रणसिंग,
देखो, बंजरी वादिनी
८. रागिनी ९. झंकारी १०. तूर्या ११. रंजना १२. भीलड़ी (भील कन्या) १३. तरंगा १४. सरिता १५. बाला १६. गार्गीणी १७. मुग्धा १८. ऋक्ष्मणी
: एकतारा, : रावणहथ्था (एक तंतुवाद्य) : ढोल : जलतरंग बजाती : बीना बजाती : नरधा (ढोल जैसा) : मृदंग बजाती : शंखनाद करती : जलकुंभयुक्त (पनिहार)
देखो, वीणावादिनी
,, मृदंगवादिनी ., शंखवादिनी
जया
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