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परिशिष्ट।
“ It is better to follow the real truth of things than an imaginary view of them.”
- Machiavelli. किसी बातके सम्बन्धमें वास्तविक सत्यका जानना, उसके खयाली चित्रसे कहीं अच्छा है। +
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डिगबी साहब
" १७६९ से १९०. तकमें मर गये।"
२,२५००००० मनुष्य भूखसे
चार्ल्स एडवर्ड रसेल
" १८३३ के मद्रासके दुर्भिक्षमें झुण्डके झुंड मनुष्य सड़कों पर मर गये । गाँवोंकी सड़कें एक बड़े भीषण क्षेत्रका दृश्य दिखाती थी । गंटोरकी पाँच लाखकी आबादीमेंसे दो लाख आदमी भूखसे तड़प तड़प कर मर गये । सन् १८७३ में उत्तरीय भारतके दुर्मिक्षमें दस लाख मनुष्योंने प्राण खोए । १८६६ में उड़ीसाकी तिहाई भाबादी, प्रायः दस लाख मनुष्योंकी जानें, हा अन्न ! हा भन्न !
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