________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कुछ और भी।
कुछ और भी।
जब कभी भारतवर्ष में प्लेगका दौरा किसी नगर गाँव या कस्बे में
होता है तब वहाँके रहनेवाले, उस जन-नाशसे घबरा उठते हैं, उससे बचनेका उपाय सोचते हैं, औषधिया सोचते हैं इत्यादि । किन्तु उन्हें इस बातका तनिक पता नहीं कि प्लेगसे बढ़कर एक दूसरा पिशाच भी भारतवर्षको ऊजड़ कर रहा है। वह दूसरा पिशाच दुर्भिक्ष है । यदि प्लेगसे एक मनष्यकी मृत्यु हुई है तो इस पिशाचने उन्नीस आदमियोंका संहार किया है। दुनियाके प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल मि० लेन्सेट साहबने लिखा है कि पिछले दस वर्षों में दस लाख मनुष्य तो प्लेगके शिकार हुए और एक करोड़ नब्बे लाख मनुष्य दुर्भिक्ष राक्षसके कराल डाढों द्वारा पिस गये!
दुर्भिक्षने क्या नहीं कर दिखाया। अनेक ऋषि-सन्तान भूखें मरती ईसाई और मुसलमान हो गई । भूखों मरती भारत ललनाभोंने अपने पावन पतिव्रत धर्मको जलांजलि देदी। भूखों मरते करोड़ों भाई आरकाटियों द्वारा बहकाये जाकर फिजी, दक्षिण अफ्रिका, नेटाल, ट्रांसवाल, आरेञ्जफ्रीस्टेट, दक्षिण रोडेसिया, केपकालोनी, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया, मोरीशस, सीलोन आदि अनेक टापुओंको भेज दिये गये। वहाँ पहुँच कर, बल्कि भारत छोड़ कर जहाज पर पैर रखते ही उन्हें जिन जिन आफतों, अत्याचारों और दुर्दशाओंका सामना करना पड़ा, उनकी कथा हृदयको विदीर्ण करनेवाली है।
For Private And Personal Use Only