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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भारतके प्राचीन राजवंश साँचोरकी शाखा। साँचोरसे प्रतापसिंहके समयका एक लेखे मिला है । यह वि० सं. १४४४ का है । इसमें लिखा है:___“ नाडोलके चौहान राजा लक्ष्मणके वंशमें सोमितका पुत्र साल्ह हुआ । उसका लड़का विक्रमसिंह और संग्रामसिंह था और उसका पुत्र प्रतापसिंह उस समय सत्यपुर ( सांचोर ) पर राज्य करता था।” आगे चलकर इसी लेखमें लिखा है-“ कर्पूरधाराके वीरसीहका पुत्र माकड़ था और उसका वैरिशल्य । वैरिशल्यका पुत्र सुहड़शल्य हुआ। इसकी कन्या कामल देवीसे प्रतापसिंहका विवाह हुआ था । यह कामल देवी ऊमट वंशकी थी।" __ मूता नेणसीने चौहानोंकी साँचोर ( सत्यपुर ) वाली शाखाकी वंशावली इस प्रकार दी है:-- १ राव लाखन, २ वलि, ३ सोही, ४ महन्दराव, ५ अनहल, ६ जिन्दराव, ७ आसराव, ८ माणकराव, ९ आल्हण, १० विजैसी ( इसीने साँचोर पर अधिकार किया था ), ११ पदमसी, १२ सोभ्रम १३ सालो, १४ विक्रमसी, १५ पातो। ___ अतः उपर्युक्त लेख जालोरकी शाखाका न होकर चौहानकी सांचोरवाली शाखाका है। (१) Ep. Ind., Vol. XI, p. 65-67. ३१४ For Private and Personal Use Only
SR No.020119
Book TitleBharat ke Prachin Rajvansh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishveshvarnath Reu, Jaswant Calej
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1920
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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