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विषय.
राज्य,
उत्पत्ति, कलचुरी संवत् इतिहास
कोक्कलदेव प्रथम
मुग्धतुंग
बालह
केयूरवर्ष (युवराजदेव )
२ हैहय ( कलचुरी ) वंश
लक्ष्मण
शंकरगण
युवराजदेव द्वितीय
कोक्कलदेव द्वितीय
गांगेयदेव
कर्णदेव
· यशः कर्णदेव
यकदेव
नरसिंहदेव
जयसिंहदेव
विजयसिंहदेव
अजयसिंहदेव त्रैलोक्यवर्मदेव
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कलिंगराज
कमलराज
रत्नराज ( रत्नदेव प्रथम )
. इनके सिक्के
डाहलके हैहयों ( कलचुरियों ) का वंशवृक्ष दक्षिणकोशलके हैहय
( २८ )
पृष्ठांक.
पृष्ठांक.
५६
५७
५८
५८
५८
४१ रत्नदेव (तृतीय)
५८
४१
पृथ्वीदेव (तृतीय )
५९
४१
दक्षिण कोशलके हैहयोंका वंशवृक्ष ५९
कल्याणके हैहयवंशी
३७
३७
३८
३९
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विषय.
पृथ्वीदेव ( प्रथम )
जाजल्लदेव ( प्रथम )
रत्नदेव (द्वितीय)
पृथ्वीदेव ( द्वितीय )
जाजलदेव ( द्वितीय )
**
४३ पूर्वका इतिहास
४४ जोगम
४४ पेर्माडि ( परमर्दि ) विज्जलदेव
४४
४६ सोमश्वर ( सोविदेव )
५० संकम ( निशंकमल )
५१ आहवमल
५५
५६
५६
५२ सिंघण
५३ कल्याणके हैहयों का वशवृक्ष
३ परमार वंश
५.३
५.३ आबूके परमार
५४
सिन्धुराज
५४
उत्पलराज
आरण्यराज
कृष्णराज प्रथम
धरणीवराह
महीपाल
५६ धन्धुक
५६ पूणील
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