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सेन-वंश ।
बङ्गालके पालवंशी राजा धर्मपालने इन्द्रराजसे कन्नौज छीन कर फिरसे महीपालको ही वहाँका राजा बना दिया । ___ डाक्टर राजेन्द्रलाल मित्र और जनरल कनिङ्गहाम, सामन्तसेनको वीरसेनका पुत्र या उत्तराधिकारी अनुमान करते हैं । परन्तु हेमन्तसेनके पुत्र विजयसेनके लेखमें लिखा है
क्षोणीन्द्रवीरसेनप्रभृतिभिरभितः कीर्तिमद्भिर्बभूवे ।.....
तस्मिन्सेनान्ववाये......अजनिकुलशिरोदामसामन्तसेनः ॥ अर्थात् उस वंशमें वीरसेन आदि राजा हुए और उसी सेन-वंशमें सामन्तसेन उत्पन्न हुआ। ___ इससे वीरसेन और सामन्तसेनके बीच दूसरे राजाओंका होना सिद्ध होता है। ___ सम्भव है, ईसवी सनकी ग्यारहवीं शताब्दीके उत्तरार्ध ( विक्रमसंवत्की बारहवीं शताब्दीके पूर्वार्ध) में सामन्तसेन हुआ हो । उसके पुत्रका नाम हेमन्तसेन था ।
२-हेमन्तसेन । यह सामन्तसेनका पुत्र था और उसीके पीछे राज्यका अधिकारी हुआ। इसकी रानीका नाम यशोदेवी था, जिससे विजयसेनका जन्म हुआ।
सामन्तसेन और हेमन्तसेन, ये दोनों साधारण राजा थे । इनका अधिकार केवल बङ्गालके पूर्व के कुछ प्रदेश पर ही था। ये पालवंशियोंके सामन्त ही हों तो आश्चर्य नहीं ।
३-विजयसेन। यह हेमन्तसेनका पुत्र और उत्तराधिकारी था। अरिराज, वृषभशङ्कर (५) Ep. Ind., Vol.1, P. 307.
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