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भारतके प्राचीन राजवंश ।
(प्रथम भाग।)
+ + संस्कृतपुस्तकों, शिलालेखों, ताम्रपत्रों, सिक्कों, ख्यातों, और फारसी
तवारीखों आदिके आधारपर लिखा हुआ क्षत्रप, हैहय, परमार, पाल, सेन और
चौहान वंशोंका इतिहास ।
-orepor
लेखक, साहित्याचार्य पण्डितं विश्वेश्वरनाथ रेउ,
सुपरिटेण्डेण्ट, सरदार-म्यूजियम और मुमेर पब्लिक लाइब्रेरी
तथा
भूतपूर्व प्रोफेसर जसवन्त कालेज
जोधपुर।
मा.श्री फेलाममागर मृति सान मदिर श्री महापौर मम आराधना करने को ला. #. प्रकाशक,
हिन्दी-ग्रन्थ-रत्नाकर कार्यालय, बम्बई ।
श्रावण १९७० प्रथमावृत्ति] जुलाई सन् १९२० [मूल्य तीन रुपये।
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