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अवलेह- -प्रकरणम् ८५२५ हरीतकीखण्ड: शूल, आनाह, वायु, अम्लपित्त
घृत-प्रकरणम्
७३८५ शलि घृतम्
आसवारिष्ट-प्रकरणम्
८०२० सूक्ष्मैलायरिटः शूल
८०७७ सक्तुधूपः
तैल-प्रकरणम्
७४२० शूलगजेन्द्रतैलम् उपद्रवयुक्त ८ प्रकारके
शूल वमन, ज्वर
लेप-प्रकरणम्
८५७४ हिङ्ग्वादि लेपः शूल
हृदयशूल, पार्श्वशूल, वातव्याधि, हिक्का
धूप-प्रकरणम् शूल
७५३० शंखचूर्णम्
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७५३१ ७५३८ शंखनाव:
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भारत-भैषज्य रत्नाकरः
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कोष्ठकी
रस-प्रकरणम् यच्छूल, परिणाम शूल,
अन्नद्रव शूल, अन्न शूल त्रिदोषज शूल
तीव्र शूल, तूणि, प्रतूणि, अजीर्ण
७५४५ शंखभास्कररसः समस्त शूल
७५४८ शंखवटी
७५४९
७५५०
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७५५७ शं वादिचूर्णम्
७५५८
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७५६७ शतावरीमण्डूरम् त्रिदोषज शूल, अम्लपित्त,
वमन, कास, श्वास
७५६८ शतावरी वातपित्तज परिणाम शू० ७५७० शम्बूकयोगः पक्ति शलको तुरन्त नष्ट करता है |
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७५७८ शर्करा लौहम्
७६१८ शिलाबद्धरसः ७६५१ शुल्वसुन्दररसः
[ शुल
शूल, अजीर्ण, विषूचिका, अलसकादि
शूल, अजीर्ण, अग्निमांद्य,
७५७२ शम्बूकादिवटी परिणाम शूलको शीघ्र नष्ट करती है ।
७६५२ शूलकुठाररसः ७६५३
गजकेसरी
गुटिका
मूत्रकृच्छ्र
शूल, वातव्याधि, क्षय,
कास, श्वास, अजीर्ण
७५७३ शम्बूकाद्यगुटिका पित्तज शूल, शोथ, गुल्म ७५७६ शर्करामण्डूरम् ७५७७ शर्करालौहम्
पक्ति
शूल, अम्लपित्तादि
समस्त शलों में उत्तम
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पित्तज शूल, हृदयशूल,
पार्श्व शूल, कुक्षि शूल,
चस्ति शूल, गुदपीड़ा,
आनाह आदि
समस्त शूल पित्तज शूल
वातज पित्तज पक्तिशूलको शीघ्र नष्ट करता है ।
समस्त शूल
शूल, अग्निमांद्य, विबन्ध,
गुल्म, ज्वर