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कषाय-प्रकरणम्
७८१४ सौभाञ्जनस्वरसयोगः कर्णशूल
७४२१ शृङ्गवेरादि ७४२५ इयोनाक ७९९९ सैन्धवाद्य
८०१४ स्योनाक
चूर्ण-प्रकरणम् ७८३० समुद्रफेनचूर्णम् कर्णस्राव, कर्णत्रण ७८३१ सर्जत्वक्चूर्णम् कर्णस्राव
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तैल-प्रकरणम्
७४०५ शतावर्यादितैलम् कर्णेपालीको पुष्ट करता है ७४१७ शुष्कमूलार्थतैलम् कर्णशूल, बधिरता, कर्ण
नाद, कर्णस्राव, कर्ण
कृमि
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भारत
(१५) कर्णरोगाधिकारः
महाकषायः ७८०९ सिंहीकषायः
७८०३ सिंहचादिक्वाथः
- भैषज्य रत्नाकरः
कर्णपीड़ा
त्रिदोषज कर्णशूल
कषाय-प्रकरणम्
७१७६ शठयादिकषायः पित्तकास
७१८६ शतमूली क्वाथः खांसी, शूल ७२४४ शुण्ड्यादिक्वाथः श्वास ७२५५ शृङ्गवेररसयोगः ७२७५ श्वासहरो दशको
स्मरत कर्णरोग
त्रिदोषज कण को तुरन्त नष्ट करता है ।
कफ, प्रतिश्याय, कास
८०१५ स्वर्जिकाद्यं तै० कर्णनाद, कर्णशूल, बधि
रता, कर्णस्रावको शीघ्र
करता है ।
८५४८ हिंग्वादि
८७३० क्षार तैलम्
८७३१
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(१६) कासश्वासहिकाधिकारः
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रस-प्रकरण
८२१२ सारिवादिवटी समस्त कर्णरोग. क्षयादि
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मिश्र-प्रकरणम्
८४१४ स्वर्जिकादियोगः कर्णस्राव, कर्णपीड़ा, दाह
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[ कर्णरोग
कर्णशूल कर्णशूल, कर्णनाद, बधि
रता, कर्णस्राव, कर्णकृमि
आदि
ऊपरके समान
८४३२ हरेणुकादिक्वाथः पांच प्रकारकी हिचकी ८४३३ हिकानिग्रहण
दशको महाकषायः
८७०४ क्षुद्रादि क्वाथः ८७०६ क्षुद्रारस योगः
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हिचकी
श्वास कास,
श्वास
चूर्ण-प्रकरणम्
कास नाशक सरलयोग ७२८१ शय्यादि चूर्णम् श्वास और खांसी
दवास
७२८२
दवास और हिचकी
, क्षय (सरलयोग)
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