SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 471
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ४५६ www. kobatirth.org भारत - भैषज्य रत्नाकरः हींग १ भाग, चव्य २ भाग, बिडलवण ३ भाग, सांठ ४ भाग, काला जीरा ५ भाग और - पोखरमूल ६ भाग लेकर चूर्ण बनावें । यह चूर्ण आमवातको नष्ट करता है । ( मात्रा -- २-३ माशा । ) (८५१५) हिङ्ग्ग्वाद्यं द्विरुत्तरं चूर्णम् (ग. नि. । चूर्णा. ३ ; बृ. मा. । आनाहा. ; वृ. नि. र. । आनाहा. ) द्विरुत्तरं हिङ्गुवचामिकुष्ठं सुवर्चिका चैव विडङ्गचूर्णम् । सुखाम्बुनानाहविषूचिकार्ति हृद्रोगुल्मोर्ध्वसमीरणनम् ॥ हींग १ भाग, बच २ भाग, चीतामूल ४ भाग, कूठ ८ भाग, संचल ( काला नमक ) १६ भाग और बायबिडंग ३२ भाग लेकर चूर्ण बनावें । इसे मन्दोष्ण जलके साथ सेवन करने से अफारा, विसूचिका, हृद्रोग, गुल्म और ऊर्ध्ववायुका नाश होता है । ( मात्रा – ३ माशा | ) १ वृ. मा. में. चीतामूलका अभाव है Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (८५१६) हुताशः चूर्णम् (वै. म. र. । पटल ६ ) मणिमन्थजीरकाजमोदमागधौषधैवर्धितैः क्रमेण तैः समं हरीतकीरज: । पाचनं विरेचनं प्रदीपनं प्ररोचनं पायुकीलनाशनं हुताशनाहयं तु तत् ॥ सेंधा नमक १ भाग, जीरा २ भाग, अजमोद ३ भाग, पीपल ४ भाग, सोंठ ५ भाग और हर्र १५ भाग लेकर चूर्ण बनावें । [ हकारादि यह चूर्ण पाचन, रेचक, अनि दीपक, रोचक और अर्शके मस्सोंको नष्ट करने वाला है । ( मात्रा -- ३-४ माशे । ) (८५१७) हीबेरादिचूर्णम् ( व. से. ; वृ. नि. र. । बालरो. ) बेरशर्कराक्षौद्रं पीतं तण्डुलवारिणा । शिशोः सर्वातिसारनं तृट्छर्दिज्वरनाशनम् सुगन्धवाला और खांड समान भाग लेकर चूर्ण बनावें । इसे शहद में मिलाकर चावलोंके पानी के साथ सेवन करनेसे बच्चोंका अतिसार, तृषा, छर्दि और ज्वर नष्ट होता है। इति इकारादि चूर्णमकरणम् ( मात्रा - - १ रत्ती से १ माशा तक । ) (बृहन्निघण्टु रत्नाकर में इस योगको रक्तातिसार, कास, श्वास और वमन नाशक लिखा है | ) For Private And Personal Use Only
SR No.020118
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages633
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy